यमुनानगर जिले में किसानों की सुविधा के लिए किसान सेवा केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर सरकारी रेट पर किसानों को खाद मुहैया कराया जाता है. ऐसे ही एक किसान केंद्र पर किसान के साथ बदतमीजी की गई और अभद्रता वव्यहार किया गया. किसान का आरोप है की वह 3 कट्टे खाद लेने गया था, लेकिन उनको खाद नहीं दिया गया ज़ब उनका अपना जानकार वंहा पहुंचा तो उस किसान को खाद दे दिया.
एक तरफ जहां प्राइवेट डीलर और सप्लायर को दिसंबर माह से यूरिया खाद बेचने पर पाबंदी लगा दी गई थी, तो वही सरकारी किसान केंद्रों पर किसानों को खाद देने की बात कही गई थी, लेकिन फिर भी किसानों की यह समस्या सुलझ नहीं पा रही। लगातार किसान सेवा केंद्रों पर खाद को लेकर हंगामे करते नजर आते हैं. किसानो का कहना है कि अपने जानकारों को बिना पंजीकरण के ही खाद दिया जा रहा है। वहीं आम किसानों को पंजीकरण के नाम पर भटकाया जा रहा है. किसानों का कहना है कि वह पिछले 2 से 4 घंटे तक दो-दो कट्टों के लिए खाद लेने के लिए खड़े हुए हैं. लेकिन यहां अपने ही चहेतों को खाद दे दिया जाता है छोटे किसान ऐसे ही रह जाते हैं।
इफक्को किसान सेवा केंद्र के मैनेजर का कहना है कि पंजीकरण के लिए हमने बाहर नोटिस लगाया गया है लेकिन हैरानी की बात तो तब सामने आई जब नोटिस को भी एक बाहर लिखे प्रति से ढका हुआ था, अक्सर ज्यादा किसान पढ़े-लिखे नहीं होते। ऐसे में किसान कैसे पढ़ पाएंगे काले शीशे के पीछे काला कारनामा। वहीं पर जैसे ही पुलिस को सूचना मिली तो पुलिस ने मौके पर पहुंचकर किसानों को समझाने की कोशिश की, वह भी क्या करते लोगों को समझा सकते हैं.एक और जहां लगातार कृषि विभाग और पुलिस मिलकर प्राइवेट डीलर्स और सप्लायर्स के गोदामों व अन्य जगहों से खाद पकड़कर कामयाबी हासिल कर रही है तो वहीं दूसरी ओर किसानों को खाद के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है. यदि सरकार को प्राइवेट डीलर से खाद बंद करने के बाद भी इतनी भारी खेप पकड़ी जा रही है और सरकारी पैक्स पर खाद उपलब्ध नहीं हो रहा.