दूरसंचार कंपनियों को वितरकों के मुनाफे पर टीडीएस काटने की जरूरत नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दूरसंचार कंपनियां ग्राहकों को प्री-पेड कूपन और सिम कार्ड बेचने से वितरकों या फ्रैंचाइजी को हुए लाभ पर स्नेत पर कर कटौती

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दूरसंचार कंपनियां ग्राहकों को प्री-पेड कूपन और सिम कार्ड बेचने से वितरकों या फ्रैंचाइजी को हुए लाभ पर स्नेत पर कर कटौती (टीडीएस) के लिए कानूनी रूप से बाध्य नहीं हैं। जज संजीव खन्ना और जज एसवीएन भट्टी की पीठ ने बुधवार को आयकर विभाग और दूरसंचार सेवा प्रदाता भारती एयरटैल की तरफ से दायर अपीलों पर यह अहम फैसला सुनाया।

यह मामला उपभोक्ताओं को प्री-पेड कूपन और सिम कार्ड बेचने से भारती एयरटैल के वितरकों या फ्रैंचाइजी को हुई आय पर आयकर अधिनियम, 19611 की धारा 194-एच के तहत टीडीएस की देनदारी से संबंधित है। आयकर विभाग ने दावा किया था कि वितरकों द्वारा अíजत मुनाफा, करदाता और फ्रैंचाइजी/वितरकों के बीच फ्रैंचाइजी/वितरण समझौते के तहत निर्धारिती (दूरसंचार फर्म) द्वारा एक एजैंट को देय कमीशन है। जज खन्ना ने पीठ की तरफ से फैसला लिखते हुए कहा, हमारा मत है कि करदाता (दूरसंचार कंपनियां) वितरकों/फ्रैंचाइजी द्वारा तीसरे पक्ष/ग्राहकों से प्राप्त भुगतान में आय/लाभ पर टीडीएस के लिए कानूनी दायित्व के तहत नहीं होंगी।

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