अमेजन भारत में प्रकृति-आधारित परियोजनाओं में 30 लाख डॉलर का शुरुआती निवेश करेगी

नयी दिल्ली: ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन भारत में प्रकृति आधारित परियोजनाओं में 30 लाख डॉलर का शुरुआती निवेश करेगी। कंपनी की ओर से सोमवार को जारी बयान के अनुसार, यह निवेश कंपनी के एशिया-प्रशांत में प्रकृति आधारित परियोजनाओं के लिए 1.5 करोड़ डॉलर के कोष का हिस्सा है। बयान के अनुसार, ‘‘एशिया-प्रशांत के लिए पहले आवंटन.

नयी दिल्ली: ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन भारत में प्रकृति आधारित परियोजनाओं में 30 लाख डॉलर का शुरुआती निवेश करेगी। कंपनी की ओर से सोमवार को जारी बयान के अनुसार, यह निवेश कंपनी के एशिया-प्रशांत में प्रकृति आधारित परियोजनाओं के लिए 1.5 करोड़ डॉलर के कोष का हिस्सा है। बयान के अनुसार, ‘‘एशिया-प्रशांत के लिए पहले आवंटन के तहत 30 लाख डॉलर का इस्तेमाल भारत में प्रकृति-आधारित परियोजनाओं में निवेश के लिए किया जाएगा।

अपनी पहली परियोजना के लिए अमेजन पश्चिमी घाट में समुदायों तथा संरक्षण प्रयासों का समर्थन करने के लिए सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ स्टडीज (सीडब्ल्यूएस) के साथ काम करेगी, जो भारत की सभी वन्यजीव प्रजातियों में से 30 प्रतिशत से अधिक का ‘निवास’ है। वहां दुनिया में सबसे अधिक एशियाई हाथी तथा बाघ पाए जाते हैं।’’ अमेजन सीडब्ल्यूएस को ‘‘वाइल्ड कार्बन’’ कार्यक्रम स्थापित करने में मदद के लिए 10 लाख डॉलर भी देगी। इससे 10,000 किसानों को औषधीय पेड़ लगाने और उनके रखरखाव में सहायता मिलेगी।

वहनीयता (सस्टेनेबिलिटी) के लिए अमेजन की वैश्विक उपाध्यक्ष कारा हर्स्ट ने कहा, ‘‘एशिया-प्रशांत क्षेत्र विशाल वन तथा समृद्ध तटीय वातावरण का घर है, लेकिन साथ ही यह जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता हानि और भूमि क्षरण के प्रति भी अत्यधिक संवेदनशील है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्र को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचाने और जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए हमें बड़े पैमाने तथा स्थानीय स्तर पर कार्रवाई करने जरूरत है और हम दोनों में निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’

सीडब्ल्यूएस की कार्यकारी निदेशक कृति कारंत ने कहा, ‘‘ अमेजन की मदद से एक ऐसे कार्यक्रम की योजना बनाने और निर्माण करने में मदद मिलेगी जो लंबे समय तक बना रहेगा। किसानों को उन पेड़ों का चयन करने में अग्रिम सहायता मिलेगी जो उनकी आजीविका तथा वन्य जीवन दोनों के लिए उपयोगी है, साथ ही उन्हें तकनीकी सहायता, कृषि वानिकी प्रशिक्षण और खराब पौधों को दोबारा लगाने में भी मदद मिलेगी।’’

- विज्ञापन -

Latest News