आयकर विभाग लगभग 6,000 करोड़ रुपए की मौजूदा कर देनदारी के बदले इस एफडी को भुनाने जा रहा था। जज आर महादेवन और न्यायमूर्ति मोहम्मद शफीक की खंडपीठ ने राजस्व विभाग की वसूली कार्यवाही को चुनौती देने वाली फर्म की याचिका पर सुनवाई करते कुछ शर्तों के साथ अंतरिम रोक लगा दी।