कोलकाता: चाय उत्पादकों ने कहा है कि इस साल अप्रैल से उत्तर भारत में शुरू की गई नई भारत नीलामी प्रणाली चाय की महत्तम कीमतों की खोज में मदद नहीं कर रही है। चाय बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2023-24 में अप्रैल से जुलाई तक उत्तर भारत में औसत मूल्य प्राप्ति 205.10 रुपये प्रति किलोग्राम से कम थी, जबकि वर्ष 2022-23 की समान अवधि में 220.74 रुपये प्रति किलोग्राम की मूल्य प्राप्ति हुई थी।
यह नीलामी अंग्रेजी प्रणाली का उपयोग करके आयोजित की गई थी। पुरानी अंग्रेजी नीलामी प्रणाली की जगह इस साल अप्रैल से कोलकाता, गुवाहाटी और सिलीगुड़ी में भारत नीलामी प्रणाली शुरू की गई थी। कोलकाता में नीलामी मंच प्रदान करने वाले कलकत्ता टी ट्रेडर्स एसोसिएशन (सीटीटीए) के पूर्व चेयरमैन अनीश भंसाली ने कहा, ‘‘अंग्रेजी नीलामी प्रणाली उपयोगकर्ताओं के लिए बेहतर थी।
उन्होंने कहा कि खराब मांग की स्थिति के कारण चालू वर्ष में नीलामी की कीमतें कम रही हैं।उन्होंने कहा, ‘‘अंत में, मुद्दा मांग और आपूर्ति के सवाल पर सिमट जाता है। इतना कहने के बाद, मुझे लगता है कि अंग्रेजी नीलामी प्रणाली को फिर से वापस लाया जाना चाहिए।’’ इस मुद्दे को शीर्ष चाय उत्पादक निकाय इंडियन टी एसोसिएशन (आईटीए) ने भी उठाया था।आईटीए की तत्कालीन अध्यक्ष नयनतारा पाल चौधरी ने बताया था कि भारत नीलामी का उचित मूल्य खोज में सहायता के लिए वांछित प्रभाव नहीं पड़ा।