नई दिल्ली: सरकार ने कहा कि वह बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य की समीक्षा पर गंभीरता से विचार कर रही है, जो इस समय 1,200 अमरीकी डॉलर प्रति टन है। गौरतलब है कि अधिक मूल्य होने के कारण देश का निर्यात प्रभावित हुआ है। चावल निर्यातक संघ मांग कर रहे हैं कि इस दर को घटाकर लगभग 850 अमरीकी डॉलर प्रति टन किया जाना चाहिए।
सरकार ने अगस्त में फैसला किया था कि बासमती चावल 1,200 डॉलर प्रति टन से कम कीमत पर निर्यात नहीं किया जाएगा। ऐसा बासमती चावल की आड़ में अवैध रूप से गैर-बासमती चावल के ‘अवैध’ निर्यात को रोकने के लिए किया गया था। उपभेक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने चावल की घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं।
बयान में आगे कहा गया, केंद्र सरकार बासमती चावल के लिए पंजीकरण-सहआवंटन प्रमाणपत्र (आरसीएसी) जारी करने के लिए फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) मूल्य की समीक्षा पर कर रही है। बयान के मुताबिक चावल निर्यातक संघों से मिले आवेदनों में कहा गया कि उच्च एफओबी मूल्य भारत से बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।