घरेलू विनिर्माण बढ़ने से भारत को चीन से सौर आयात में गिरावट

नयी दिल्ली: भारत के 2023 की पहली छमाही में चीन से सौर मॉड्यूल के आयात में 76 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है। बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई। यह सौर विनिर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वैश्विक ऊर्जा शोध संस्थान एम्बर की रिपोर्ट के अनुसार,.

नयी दिल्ली: भारत के 2023 की पहली छमाही में चीन से सौर मॉड्यूल के आयात में 76 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है। बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई। यह सौर विनिर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वैश्विक ऊर्जा शोध संस्थान एम्बर की रिपोर्ट के अनुसार, सालाना आधार पर चीन से भारत का सौर मॉड्यूल आयात 2022 की पहली छमाही में 9.8 गीगावॉट से घटकर 2023 में इसी अवधि में मात्र 2.3 गीगावॉट रह गया।

एम्बर के भारत विद्युत नीति वेिषक नेशविन रोड्रिग्स ने कहा, ‘‘सौर मॉड्यूल आयात के लिए चीन पर भारत की निर्भरता 2022 के बाद वास्तव में कम हो रही है। हालिया नीतिगत हस्तक्षेपों से घरेलू विनिर्माण गति पकड़ रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि भारत सौर विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के करीब पहुंच गया है, चीनी मॉड्यूल तथा सेल पर निर्भरता अब कोई बाधा नहीं है।’’

भारत ने आयात में कटौती और स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए अप्रैल 2022 से सौर मॉड्यूल पर 40 प्रतिशत और सौर सेल पर 25 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगाना शुरू कर दिया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 2023 की पहली छमाही में चीन के सौर पैनल के निर्यात में प्रभावशाली तीन प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो दुनियाभर में कुल 114 गीगावॉट तक पहुंच गया। पिछले साल समान अवधि में यह 85 गीगावॉट था।

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