नई दिल्ली: चालू वित्त वर्ष 2023-24 में घरेलू वृद्धि तथा विनियमित बाजारों में निर्यात बढ़ने से भारतीय दवा उद्योग के राजस्व में आठ से 10 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। भले ही अर्ध-विनियमित बाजारों को प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा हो। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई।
घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने सोमावार को कहा कि 186 दवा निर्माताओं के अध्ययन में यह बात सामने आई। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष में इस क्षेत्र के 3.7 लाख करोड़ रुपये के वार्षिक राजस्व का करीब आधा हिस्सा है। क्रिसिल रिसर्च के निदेशक अनिकेत दानी ने कहा कि मौजूदा दवाओं और नई दवाओं के जारी करने से बिक्री भी तीन से चार प्रतिशत बढ़ेगी।