वैश्वीकरण को और अधिक पारदर्शी बनाने की जरूरत: Sitharaman

वाशिंगटन : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि भारत वैश्वीकरण से हुए लाभ को पलटने की बात नहीं कह रहा है बल्कि उसे और पारदर्शी बनाने को कह रहा है। सीतारमण ने अमेरिकी शोध संस्थान पीटरसन इंस्टिट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकॉनमिक्स के कार्यक्रम में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हमारा यह नहीं.

वाशिंगटन : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि भारत वैश्वीकरण से हुए लाभ को पलटने की बात नहीं कह रहा है बल्कि उसे और पारदर्शी बनाने को कह रहा है। सीतारमण ने अमेरिकी शोध संस्थान पीटरसन इंस्टिट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकॉनमिक्स के कार्यक्रम में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हमारा यह नहीं कहना है कि हमें वैश्वीकरण के लाभ को पलट देना है। हमारा कहना है कि वैश्वीकरण को और अधिक पारदर्शी बनाया जाए।’’उन्होंने कहा, ‘‘भारत बहुत लंबे समय से यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि उसका विनिर्माण क्षेत्र आगे बढ़े।

हमें बड़ी भूमिका निभानी है। हम उन अंतिम उपभेक्ता वस्तुओं का भी आयात नहीं कर रहे हैं, जिनका विनिर्माण करने में हम सक्षम हैं। हालांकि, जब मूल्य के स्तर पर विसंगतियां या मूल्य प्रतिस्पर्धा आपके खरीद निर्णय को प्रभावित करती है, तो आप उन वस्तुओं को खरीदना समाप्त कर देते हैं जिनका आप उत्पादन कर सकते हैं क्योंकि वे कहीं अधिक सस्ती पड़ती हैं।’’ सीतारमण ने कहा, ‘‘…जब आपको लगता है कि आयात सस्ता है, आप उत्पादन करने में दिलचस्पी नहीं दिखाते। लेकिन अब हम अवसर देख रहे हैं। इसमें एक अवसर उपभेक्ता के दृष्टिकोण से है और यह पर्याप्त क्रय शक्ति के साथ भारत में है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए घरेलू बाजार की जरूरतों को पूरा करना ही स्वयं में आकर्षक हो सकता है।’’ सीतारमण ने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक पहलू है। इसका दूसरा पहलू यह है कि जहां आपको लगता है कि मूल्य श्रृंखला को भारत लाया जाए, आइये और भारत में विनिर्माण कीजिए। न केवल भारत के लिये बल्कि दुनिया को निर्यात के लिये भी विनिर्माण कीजिए। इसके लिये हम उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना लाए हैं। यह 13 क्षेत्रों के लिये है, जो प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं, उभरते क्षेत्र हैं और जहां भारत पहले उत्पादन नहीं करता था।’’

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