नई दिल्लीः अगले एक साल रेलवे आधुनिकीकरण, हरित ट्रेन, हरित ऊर्जा, पर्यटन, हाई स्पीड ट्रेन, महत्वपूर्ण कॉरीडोर, रेलवे के आधुनिकीकरण और ट्रेक के विस्तार पर काम करेगा। रेलवे ने देशभर में सबसे ज्यादा फंड उत्तरप्रदेश को 17,507 करोड़ रुपए आवंटित किया है। केंद्र सरकार ने इस बार रेलवे के लिए 2.4 लाख करोड़ रुपए के बजट का ऐलान किया है। उसमें नई योजनाओं के लिए 75,000 करोड़ रुपए खर्च किए जायेंगे। भारतीय रेलवे के अनुसार इस बार के बजट के इतिहास में सर्वाधिक आवंटन हुआ है। साल 2013-14 में 28,174 करोड़ रुपए रेलवे के हिस्से में आए थे। इसके बाद 2022-23 में 1,59,100 करोड़ रूपए और अब इस बार के वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2,40,000 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं।
रेलवे के मुताबिक ये 2013-14 से लगभग 9 गुना वृद्धि और साल 2022-23 से 51 फीसदी की वृद्धि है। वहीं राज्यवार देखें तो सबसे अधिक नेशनल कैपिटल रीजन यानी दिल्ली को मिले बजट में 26 गुना की बढ़ोतरी हुई है। यानी साल 2013-14 में दिल्ली को 96 करोड़ का बजट प्राप्त हुआ था और इस बार 2477 करोड रुपए का बजट आवंटित किया गया है। इसी तरह पंजाब को 21 गुना अधिक रेलवे बजट हासिल हुआ है। इसके बाद उत्तर प्रदेश को 16 गुना और गुजरात को 14 गुना अधिक बजट प्राप्त हुआ है।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार रेल बजट 2023-24 में उत्तर प्रदेश को 17,507 करोड़, मध्य प्रदेश को 13,607 करोड़, राजस्थान को 9532 करोड़ रुपए, उत्तराखंड को 5400 करोड़, पंजाब को 4762 करोड़ रुपए, दिल्ली को 2477 करोड़, हरियाणा को 2247 करोड़ रुपए, हिमाचल प्रदेश को 1838 करोड़ रुपए, बिहार को 8505 करोड़ रूपए और चंडीगढ़ को 452 करोड़ रुपए मिले हैं। बजट में राजधानी, शताब्दी, दुरंतो जैसी ट्रेनों के कोच को और बेहतर बनाने की घोषणा की गई है। इन प्रमुख ट्रेनों के 1,000 से अधिक कोच के नवीनीकरण की योजना बना रहा है। इन कोच के अंतरिक हिस्सों को मॉडर्न बनाया जाएगा और यात्रियों के आराम के हिसाब से सुधार किया जाएगा। रेलवे के अनुसार रोलिंग स्टॉक प्रोडक्शन के लिए 51,510 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
रेलवे ट्रैक में सुधार – पुराने पटरियों को बदलने के लिए महत्वपूर्ण आवंटन किए जायेंगे। इससे रेलवे ट्रेनों को गति देने और अधिक स्थानों के लिये हाई स्पीड ट्रेन शुरू करने में मदद मिलेगी। ट्रैक रिन्यूअल के लिए 17,296 करोड़ रुपये की रकम आवंटित किया गया है। साथ ही मंत्रलय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सरकार ने भारतीय रेल के लिए जो बजट जारी किया है उनमें से 39,660 करोड़ रुपये नई रेल लाइन को बिछाने में खर्च किया जाएगा। लाइन डबल करने के लिए खर्च होंगे 30,749 करोड़ रुपये और गेज बदलने के लिए 4600 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। रेलवे के अनुसार पूरी तरह से भारत में विकसित देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा होगा। हाइड्रोजन ट्रेन का परिचालन पहले चरण में हैरिटेज लाइनों जैसे कालका-शिमला रेलवे खंड पर किया जाएगा। अगले तीन साल में रेलवे का 35 नई हाइड्रोजन ट्रेन चलाने का लक्ष्य है।
हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए रेलवे अब अल्ट्रा मेगा सोलर प्लांट की स्थापना करेगा। भारतीय रेल तेजी और मजबूती के साथ जीरो कार्बन उत्सर्जन की दिशा में बढ़ रही है। प्रदूषण को कम करने के लिए रेल लगातार रेल विद्युतीकरण पर जोर दे रही है। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए रेलवे 100 और विस्टाडम कोच बनाने का प्रस्ताव कर रहा है। रेलवे देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत गौरव पर्यटन ट्रेन का परिचालन कर रहा है। अब 5-6 नए सर्किट जोड़े जाने की योजना है। इसके साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे को इस बार 6900 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। यह पिछले साल के मुकाबले करीब 600 करोड़ रुपये ज्यादा है। पूर्वोत्तर रेलवे को इस बार 6900 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।