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domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114नई दिल्ली: नियामकीय और आंतरिक बाजार की दिक्कतों की वजह से चीन को भारत का निर्यात प्रभावित हो रहा है। आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने रविवार को यह बात कही। जीटीआरआई ने कहा कि भारत को अपने अपने निर्यातकों के समक्ष आ रहे बाजार पहुंच के मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर चीन के साथ उठाना चाहिए। चीन से आयात के लिए भी भारत समान नियमों को लागू करने पर विचार कर सकता है। शोध संस्थान ने कहा कि सीमा शुल्क के अलावा भारत जैसे देशों से आयात के नियमन को चीन चार प्रमुख ‘बाधाओं’ का इस्तेमाल करता है।
ये हैं नियामकीय, आंतरिक बाजार, व्यापार रक्षा और राजनीतिक उपाय। जीटीआरआई ने कहा, ‘‘चीन जटिल नियमों के माध्यम से भारत से प्रतिस्पर्धी आयात को रोकता है।’’ जीटीआरआई ने कहा कि उत्पादों की गुणवत्ता और मानक समस्या नहीं हैं, क्योंकि भारत, अमेरिका और यूरोप सहित 100 से अधिक देशों को अपने उत्पादों का निर्यात करता है। फार्मा क्षेत्र का एक उदाहरण देते हुए जीटीआरआई ने कहा कि भारत अपनी 90 प्रतिशत थोक दवाओं या एपीआई का आयात चीन से करता है। भारत एक सरल पंजीकरण प्रणाली के जरिये चीन की कंपनियों को आसान पहुंच उपलब्ध कराता है। वहीं चीन में पंजीकरण के लिए एक से तीन साल का समय लगता है और आयात के समय भी चीन द्वारा जांच की जाती है।