नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल के बोर्ड में हिंदुजा समूह के पांच प्रतिनिधियों को निदेशक बनाए जाने की सशर्त स्वीकृति दे दी है। सूत्रों ने कहा कि आरबीआई ने 17 नवंबर को भेजे गए एक पत्र में हिंदुजा समूह के पांच प्रतिनिधियों को रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल में शामिल करने की मंजूरी इस शर्त के साथ दी है कि वह इंडसइंड बैंक के साथ कोई लेनदेन न करे।
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय बैंक ने अपने अनापत्ति पत्र में कहा है कि रिलायंस कैपिटल का प्रबंधन एवं नियंत्रण भले ही बदल रहा है लेकिन समूह के ही नियंत्रण वाले इंडसइंड बैंक के साथ किसी भी तरह के लेनदेन से उसे परहेज रखना होगा। सूत्रों ने कहा कि आरबीआई ने रिलायंस कैपिटल के बोर्ड में निदेशक के रूप में अमर चिंतापंत, शरदचंद्र वी जरेगांवकर, मोसेस न्यूंलिंग हार्डिंग जॉन,भूमिका बत्रा और अरुण तिवारी की नियुक्ति को भी मंजूरी दे दी।
इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने कंपनी के अधिग्रहण के बाद शेयरधारिता में किसी भी तरह के बदलाव पर अपनी पूर्व-मंजूरी को अनिवार्य कर दिया है। हिंदुजा समूह की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (आईआईएचएल) ने रिलायंस कैपिटल के लिए सबसे ऊंची बोली लगाई थी। अप्रैल में संपन्न दूसरे दौर की नीलामी में रिलायंस कैपिटल के लिए आईआईएचएल ने 9,650 करोड़ रुपये की बोली लगाकर इसका अधिग्रहण अधिकार हासिल कर लिया था।
हालांकि,आईआईएचएल के पक्ष में स्वीकृत कर्ज समाधान प्रस्ताव को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी हुई है। आईआईएचएल के साथ बोली लगाने वाली कंपनी टॉरेंट इन्वेस्टमेंट की अपील पर मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई होने वाली है।