SEBI ने निवेश डीमैट में रखने को लेकर वैकल्पिक निवेश कोष के लिए दिशानिर्देश जारी किए

नई दिल्ली : भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) के मामले में डीमैट प्रारूप में निवेश रखने तथा संरक्षक की नियुक्ति को लेकर सोमवार को दिशानिर्देश जारी किए।

नए दिशानिर्देशों के तहत अगर सेबी ने छूट नहीं दी है तो एआईएफ को अपने निवेश को डीमैट यानी डिजीटल तरीके से रखना आवश्यक है। सेबी ने एक परिपत्र में कहा कि 1 अक्तूबर 2024 से प्रभावी नई व्यवस्था के तहत इस तिथि के बाद एआईएफ की तरफ से किया गया कोई भी निवेश डीमैट रूप में रखना होगा।

हालांकि, इस तिथि से पहले किए गए निवेश को कुछ मामलों में छूट दी गई है, लेकिन निवेश कंपनी को कानूनी रूप से डीमैट में रखने की जरूरत है या जब एआईएफ अकेले या अन्य सेबी पंजीकृत संस्थाओं के साथ, निवेश वाली कंपनी पर नियंत्रण रखता है, उन मामलों में उसे डीमैट में ही निवेश रखने जरूरत होगी।

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