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भारत में चाय उद्योग के कार्बन उत्सर्जन के आकलन के लिए अध्ययन शुरू 

कोलकाता: चाय अनुसंधान संघ (टीआरए) ने चाय उद्योग में कार्बन उत्सर्जन की स्थिति के आकलन के लिए एक अध्ययन शुरू किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। चाय अनुसंधान से जुड़े संगठन टीआरए की चेयरपर्सन नयनतारा पालचौधरी ने इसकी 59वीं वार्षिक आमसभा में कहा कि इस सहयोगपूर्ण अध्ययन के परिणामों को जानने और उद्योग.

कोलकाता: चाय अनुसंधान संघ (टीआरए) ने चाय उद्योग में कार्बन उत्सर्जन की स्थिति के आकलन के लिए एक अध्ययन शुरू किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। चाय अनुसंधान से जुड़े संगठन टीआरए की चेयरपर्सन नयनतारा पालचौधरी ने इसकी 59वीं वार्षिक आमसभा में कहा कि इस सहयोगपूर्ण अध्ययन के परिणामों को जानने और उद्योग के लिए शुद्ध-शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने पर चर्चा करने और नीतियां बनाने के लिए भारतीय चाय बोर्ड ने एक समिति गठित की है।
उन्होंने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से देश में चाय के लिए एक रेटिंगप्रणाली तैयार करने का भी आग्रह किया। पालचौधरी ने कहा, ‘‘दुनिया तेजी से जलवायु परिवर्तन की वास्तविकता के साथ तालमेल बिठाने में लगी हुई है, ऐसे में कार्बन उत्सर्जन का मुद्दा सभी देशों और उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण हो गया है। चाय जैसे कम कार्बन उत्सर्जन वाले उद्योग के पास कार्बन क्रेडिट अर्जित करने की काफी गुंजाइश है।
’ उन्होंने इस बैठक में कहा, ‘‘हालांकि इस विषय पर कोई व्यवस्थित अध्ययन नहीं हुआ था। टीआरए ने चाय उद्योग के कार्बन पदचिह्न का वैज्ञानिक रूप से पता लगाने के लिए चाय बागानों और कारखानों के जीवन चक्र मूल्यांकन पर एक सहयोगात्मक अध्ययन शुरू किया है। इस अध्ययन के अगले साल के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। टीआरए कार्बन उत्सर्जन कम करने से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए भविष्य की रणनीतियों की योजना बना सकता है।
पॉलचौधरी ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में देश का चाय उत्पादन 137.5 करोड़ किलोग्राम था, जबकि वर्ष 2021-22 में उत्पादन 134.4 करोड़ किलोग्राम था। इसकी औसत कीमत 201 रुपये प्रति किलोग्राम थी। उन्होंने कहा कि कैलेंडर वर्ष 2022 में 23.1 करोड़ किलोग्राम चाय का निर्यात हुआ था जबकि कैलेंडर वर्ष 2021 में यह निर्यात 20 करोड़ 7.9 लाख किलोग्राम का हुआ था।

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