थोक मुद्रास्फीति में लगातार पांचवे माह गिरावट, अगस्त में शून्य से 0.52 प्रतिशत नीचे

नयी दिल्ली: थोक मुद्रास्फीति में लगातार पांचवे माह अगस्त में गिरावट आई और यह शून्य से 0.52 प्रतिशत नीचे रही। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल से शून्य से नीचे बनी है। जुलाई में यह शून्य से नीचे 1.36 प्रतिशत थी, जबकि अगस्त 2022 में यह 12.48 प्रतिशत रही थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार,.

नयी दिल्ली: थोक मुद्रास्फीति में लगातार पांचवे माह अगस्त में गिरावट आई और यह शून्य से 0.52 प्रतिशत नीचे रही। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल से शून्य से नीचे बनी है। जुलाई में यह शून्य से नीचे 1.36 प्रतिशत थी, जबकि अगस्त 2022 में यह 12.48 प्रतिशत रही थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 10.60 प्रतिशत रही, जो जुलाई में 14.25 प्रतिशत थी।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रलय ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘ अगस्त 2023 में मुख्य रूप से पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में खनिज तेल, बुनियादी धातुओं, रसायन तथा रसायन उत्पादों, कपड़ा व खाद्य उत्पादों की कीमतों में गिरावट के कारण मुद्रास्फीति शून्य से नीचे रही।’’ ईंधन व बिजली खंड की मुद्रास्फीति अगस्त में शून्य से 6.03 प्रतिशत नीचे रही, जो जुलाई में शून्य से 12.79 प्रतिशत नीचे थी।

विनिमत उत्पादों की मुद्रास्फीति अगस्त में शून्य से नीचे 2.37 प्रतिशत रही। जुलाई में यह शून्य से नीचे 2.51 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बढ़ती खुदरा महंगाई को काबू में रखने के साथ अर्थव्यवस्था को गति देने के मकसद से पिछले महीने तीसरी बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा था। केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति तैयार करने के लिए खुदरा या उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति 6.83 प्रतिशत रही, जो जुलाई के 7.44 प्रतिशत से कम है।

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