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1984 सिख विरोधी दंगे: पूर्व सांसद सज्जन कुमार के लिए अभियोजन पक्ष ने की सजा-ए-मौत की मांग, 21 फरवरी को होगी सुनवाई

नयी दिल्ली: दिल्ली में वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित हत्या के एक मामले में अभियोजन पक्ष ने मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार के लिए मृत्युदंड की अपील की और इसे ‘दुर्लभतम’ अपराध करार दिया. अभियोजन पक्ष द्वारा दायर एक लिखित हलफनामे में विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा को इस दलील.

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नयी दिल्ली: दिल्ली में वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित हत्या के एक मामले में अभियोजन पक्ष ने मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार के लिए मृत्युदंड की अपील की और इसे ‘दुर्लभतम’ अपराध करार दिया. अभियोजन पक्ष द्वारा दायर एक लिखित हलफनामे में विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा को इस दलील के बारे में जानकारी दी गई. हत्या के लिए न्यूनतम सजा आजीवन कारावास है.

कुमार के वकील ने मामले पर बहस करने के लिए समय मांगा, जिसके बाद न्यायाधीश ने यह कहते हुए मामले की सुनवाई 21 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी कि वकील, अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2025 के विरोध में मंगलवार को काम नहीं करेंगे. शिकायतकर्ता के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फुल्का ने अभियोजन पक्ष की मृत्युदंड की मांग का समर्थन किया और बहस के लिए समय मांगा.कुमार फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं. जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की एक नवंबर 1984 को हत्या कर दी गयी थी.

हत्या के सिलसिले में पंजाबी बाग थाने ने मामला दर्ज किया था लेकिन बाद में एक विशेष जांच दल ने जांच की जिम्मेदारी ले ली थी. अदालत ने 16 दिसंबर 2021 को कुमार के खिलाफ आरोप तय किए और उनके खिलाफ ‘प्रथम दृष्टया’ मामला पाया. कांग्रेस के उस समय के प्रभावशाली नेता और सांसद रहे कुमार वर्ष 1984 में एक और दो नवंबर को दिल्ली की पालम कॉलोनी में पांच लोगों की हत्या के मामले में आरोपी थे. दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले में उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और सजा को चुनौती देने वाली उनकी अपील सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है.

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