दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने लाल किला पर मनाया ‘दिल्ली फतह दिवस’

इन सेनापतियों के नेतृत्व में सिख सेना 10 महीने तक दिल्ली में रही, जिसकी बदौलत दिल्ली में गुरुद्वारा शीशगंज साहिब, गुरुद्वारा बंगला साहिब और‌अन्य गुरुधाम हैं।

नयी दिल्ली: दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने रविवार को सिख सेनापति बाबा बघेल सिंह, बाबा जस्सा सिंह रामगढ़िया और बाबा जस्सा सिंह अहलूवालिया की दिल्ली पर वर्ष 1783 में हुई जीत के उपलक्ष्य में लाल किला पर ‘दिल्ली फतह दिवस’ मनाया।

इस समारोह में समिति के अध्यक्ष सरदार हरमीत सिंह कालका और महासचिव सरदार जगदीप सिंह काहलों, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा, हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह असंध, धर्म प्रचार समिति के अध्यक्ष बाबा बलजीत सिंह दादूवाल, सिंह साहिब पंथ रतन बाबा बलबीर सिंह प्रमुख पंथ अकाली दल बुड्ढा दल 96 करोड़ी, बाबा कश्मीर सिंह भूरी वाले, बाबा मनमोहन सिंह बारन वाले, बाबा मेजर सिंह सोढ़ी शिरोमणि दशमेश तरना दल, बाबा बलदेव सिंह वल्लाह वाले, रिकी सिंह हजूर साहिब वाले, बाबा सुरिंदर सिंह और बाबा सतनाम सिंह, बाबा सुखदेव सिंह मुख्य वक्ता दमदमी टकसाल, बाबा गुरप्रीत सिंह खडूर साहिब वाले, बाबा सेवा सिंह कार सेवा वाले, बाबा लक्खा सिंह नानकसर वाले, बाबा सुखजीत सिंह फिरोजपुर वाले सहित कई संत महापुरुष और गणमान्य शख्सियत उपस्थित रहें।
कार्यक्रम में रागी सिंहों के विभिन्न जत्थों ने कीर्तन किया ।

इस अवसर पर कालका और काहलों ने कहा कि सन् 1783 में बाबा बघेल सिंह, बाबा जस्सा सिंह रामगढ़िया और बाबा जस्सा सिंह अहलूवालिया के नेतृत्व में शाह आलम द्वितीय को दिल्ली में पराजित किया गया और दिल्ली में गुरु साहिबान की शहादत और अन्य स्थलों को चिह्नित कर उनकी कार सेवा प्रारंभ की गई।

इन सेनापतियों के नेतृत्व में सिख सेना 10 महीने तक दिल्ली में रही, जिसकी बदौलत दिल्ली में गुरुद्वारा शीशगंज साहिब, गुरुद्वारा बंगला साहिब और‌अन्य गुरुधाम हैं।

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