नयी दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान का दौरा किया और संस्थान के सातवें स्थापना दिवस समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव, आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा और संस्थान निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) तनुजा नेसारी सहित आयुष मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
समारोह के बाद राष्ट्रपति ने आयुष औषधि केंद्र कार्यक्रम का शुभारंभ और शाश्वत आयुष प्रदर्शनी का अनावरण किया। आयुष औषधि केंद्र का उद्देश्य सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण आयुर्वेदिक दवाइयाँ सुलभ कराना और आयुर्वेद के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है।
संस्थान ने हाल के वर्षों में देशभर में सात नए स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित किए हैं और 44 विशेष क्लीनिकों के माध्यम से 27 लाख से अधिक मरीजों का इलाज किया है। कुल 73 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि आयुर्वेद विश्व की सबसे प्राचीन समग्र चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। यह मन, शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करने पर जोर देता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली हमारी धरोहर है और आयुष मंत्रालय इस धरोहर को एक प्रामाणिक चिकित्सा प्रणाली के रूप में स्थापित करने का कार्य कर रहा है।
जाधव ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने ग्रामीण क्षेत्रों में प्रामाणिक और किफायती आयुर्वेदिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए ‘आयुष औषधि केंद्र’ की शुरुआत की है।