इस दिन से शुरू हो रही है चैत्र नवरात्रि, जानिए शुभ मुहूर्त और कलश स्थापना के बारे में

नवरात्रि का पर्व बहुत धूमधाम से मानाया जाता है। जैसा कि हम सब जानते है कि ये पर्व साल में चार बार मनाया जाता है, जिसमे दो गुप्त और चैत्र ,शारदीय नवरात्रि हैं। चैत्र नवरात्रि का त्योहार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इस पावन त्योहार में मां दुर्गा.

नवरात्रि का पर्व बहुत धूमधाम से मानाया जाता है। जैसा कि हम सब जानते है कि ये पर्व साल में चार बार मनाया जाता है, जिसमे दो गुप्त और चैत्र ,शारदीय नवरात्रि हैं। चैत्र नवरात्रि का त्योहार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इस पावन त्योहार में मां दुर्गा के नौ रुपों की पूजा की जाती है। इस दिन भक्तजन नौ दिन तक उपवास रखते हैं। मंदिरो में नौ दिन तक माॅ दुर्गा की श्रध्दालुपूर्वक आरती की जाती है। सभी भक्तजन नौ दिन तक दुर्गा मा के कीर्तन-भजन करके मा की पूज-अराधना करते है। नवरात्रि का त्योहार इस साल 22 मार्च दिन बुधवार से शुरु होगा और 30 मार्च तक रहेगा। इसके पहले दिन घटस्थापना होती है और नौ दिन तक मां के मंदिर में दिया जलाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से माॅ दुर्गा का घर में आगमन होता है और घर मे सुख-शान्ति ,समृधि और धन की कृपा बनी रहती है। अगर आप भी रखना चाहते हो चैत्र नवरात्रि का व्रत तो आइए जानते है इसके शुभ मुहुर्त और पूजा पूजन-विधि के बारे में:

चैत्र नवरात्रि शुभ मुहूर्त –
चैत्र नवरात्रि बुधवार, 22 मार्च 2023 को
चैत्र नवरात्रि घटस्थापना का मुहूर्त – सुबह 06 बजकर 23 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 32 मिनट तक (अवधि 01 घंटा 09 मिनट)
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ – मार्च 21, 2023 को रात 10 बजकर 52 मिनट से शुरू
प्रतिपदा तिथि समाप्त – मार्च 22, 2023 को रात 08 बजकर 20 मिनट पर समाप्त

कलश की स्थापना कैसे करें-
कलश स्थापना के लिए सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि करके साफ कपड़े पहनें. मंदिर की साफ-सफाई कर सफेद या लाल कपड़ा बिछाएं. इस कपड़े पर थोड़े चावल रखें, एक मिट्टी के पात्र में जौ बो दें, इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें.

कलश में साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालकर अशोक के पत्ते रखें. एक नारियल लें और उस पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांधें। इस नारियल को कलश के ऊपर पर रखते हुए देवी दुर्गा का आवाहन करें। इसके बाद दीप आदि जलाकर कलश की पूजा करें।नवरात्रि में देवी की पूजा के लिए सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का कलश स्थापित किया जाता है।

चैत्र नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट-
मां दुर्गा की फोटो, सिंदूर, केसर, कपूर, धूप,वस्त्र, दर्पण, कंघी, चूड़ी, सुगंधित तेल, चौकी, चौकी के लिए लाल कपड़ा, पानी वाला जटायुक्त नारियल, दुर्गासप्‍तशती किताब, बंदनवार आम के पत्तों का, फुल, दूर्वा, मेंहदी, बिंदी, सुपारी साबुत, हल्दी की गांठ, पटरा, आसन, पांच मेवा, घी, लोबान,गुग्गुल, लौंग, कमल गट्टा,सुपारी, कपूर.

हवन कुंड, चौकी, रोली, मौली, पुष्पहार, बेलपत्र, कमलगट्टा, दीपक, दीपबत्ती, नैवेद्य, शहद, शक्कर, पंचमेवा, जायफल, लाल रंग की गोटेदार चुनरीलाल रेशमी चूड़ियां, सिंदूर, आम के पत्‍ते, लाल वस्त्र, लंबी बत्ती के लिए रुई या बत्ती, धूप, अगरबत्ती, माचिस, कलश, साफ चावल, कुमकुम,मौली, श्रृंगार का सामान, दीपक,हवन के लिए आम की लकड़ी, जौ, घी या तेल ,फूल, फूलों का हार, पान, सुपारी, लाल झंडा, लौंग, इलायची, बताशे या मिसरी, असली कपूर, उपले, फल व मिठाई, दुर्गा चालीसा व आरती की किताब,कलावा, मेवे आदि।

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