Dhanteras 2024 : आज देशभर में धनतेरस का पावन पर्व है। इस त्यौहार को हिन्दू घर्म में विशेष माना जाता है। धनतेरस पर लोग शाम को यानी प्रदोष काल में माता लक्ष्मी, धनपति कुबेर, भगवान धन्वंतरि और गणेश जी की पूजा करतें है। इस दिन लोग बाजारों से सोना, चांदी, आभूषण, कार, बर्तन आदि खरीदेंगे। हिन्दू तिथि के अनुसार धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। धनतेरस की पूजा करने से वर्ष भर धन-संपत्ति में वृद्धि होती है। व्यक्ति निरोगी रहता है। धनपति कुबेर की कृपा से धन-संपत्ति में वृद्धि होती रहती है। आज धनतेरस के दिन त्रिपुष्कर योग बना है, इसमें किए गए शुभ कार्यों का फल तीन गुना अधिक मिलता है।
धनतेरस पूजा का मुहूर्त:
धनतेरस पर माता लक्ष्मी, धनपति कुबेर, भगवान धन्वंतरि और गणेश जी की पूजा होती है। आज शाम 6:31 बजे से रात्रि 8:13 बजे तक धनतेरस पूजा का मुहूर्त है। आज शाम 05:38 बजे से रात 08:13 बजे तक प्रदोष काल रहेगा।
धनतेरस पूजा के लिए सामग्री:
माता लक्ष्मी की मूर्ति, कुबेर की नई मूर्ति, कुबेर यंत्र, लकड़ी की चौकी, साबुत चावल, हल्दी, रोली, सिंदूर, गंगाजल, चीनी, दूध, दही, शहद, फल, गुलाल, कपूर, रुई की बत्ती, दीपक, नैवेद्य, शुद्ध घी, सुपारी, पान, नए कपड़े, माला, कमल गट्टे, कमल और लाल गुलाब, रक्षा सूत्र, इत्र, कुश का आसन, पंच पल्लव, धूप, सुगंध, दूर्वा, कुश, पंच मेवा, यज्ञोपवीत, इलायची, लौंग,मिठाई, चांदी और सोने का सिक्का, नारियल, नई बही, साबुत धनिया, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य आदि।
पूजा के दौरान ऐसे लगाएं भोग:
धनतेरस की पूजा के दौरान आप कुबेर जी को धनिये की पंजीरी, चावल की खीर, घी की लापसी आदि का भोग लगा सकते हैं। माता लक्ष्मी को मखाने की खीर, बताशा, आदि सफेद मिठाई और गणेश जी को मोदक या लड्डू आदि का भोग लगाएं।
धनतेरस पूजा विधि:
धनतेरस की शाम को स्नान आदि करने के बाद शुद्ध होकर शुभ मुहूर्त में पूजा की तैयारी करें। शुभ मुहूर्त शुरू होने पर चौकी पर नए वस्त्र बिछाकर माता लक्ष्मी, गणेशजी और कुबेर जी की स्थापना करें।
शुरुआत में सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें। इसके बाद माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा करें। गणेश जी की पूजा अक्षत, हल्दी, सिंदूर, दूर्वा, चंदन, धूप, दीप, मोदक, लड्डू, फल, लाल फूल आदि चढ़ाकर करें।
देवी लक्ष्मी की पूजा लाल गुलाब, कमल के फूल, साबुत चावल, लाल सिंदूर, धूप, दीप, प्रसाद, कमल गट्टे, बताशा, मिठाई, खीर आदि चढ़ाएं। इसके बाद कुबेर जी को साबुत चावल, फूल, नैवेद्य, धूप, दीप, चंदन आदि चढ़ाएं और उनकी पूजा करें।
पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करें। सभी को उनका पसंदीदा भोजन खिलाएं। साथ ही पूजा करें पूजा के दौरान नए खाता बही, कलम, स्याही के बर्तन आदि रखें। अंत में क्षमा प्रार्थना करें और जीवन में शुभता, सुख, समृद्धि, धन, संपत्ति आदि के लिए गणेश जी, कुबेर जी और देवी लक्ष्मी से आशीर्वाद मांगें।