महाशिवरात्रि का पावन पर्व आज, जानिए नियम और कथा

आज महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। आज पूरे दिन और रात शिव परिवार की विधिपूर्वक पूजा अर्चना की जाएगी। आज महाशिवरात्रि के साथ ही शनि प्रदोष व्रत भी रखा जा रहा है। माना जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखने और शिव पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मोक्ष की.

आज महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। आज पूरे दिन और रात शिव परिवार की विधिपूर्वक पूजा अर्चना की जाएगी। आज महाशिवरात्रि के साथ ही शनि प्रदोष व्रत भी रखा जा रहा है। माना जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखने और शिव पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते है महाशिवरात्रि के शुभ मुहूर्त, मंत्र, नियम, कथा, पारण, व्रत और पूजा विधि के बारे में:

महाशिवरात्रि 2023 मुहूर्त
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ: आज, रात 08 बजकर 02 मिनट से
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि का समापन: कल, शाम 04 बजकर 18 मिनट पर
सर्वार्थ सिद्धि योग: आज, शाम 05 बजकर 42 मिनट से कल सुबह 06 बजकर 56 मिनट तक

महाशिवरात्रि 2023 शिव पूजा मुहूर्त
आज सुबह 08:22 बजे से लेकर सुबह 09:46 बजे तक
दोपहर 12:35 बजे से लेकर शाम 04:49 बजे तक
शाम 06:13 बजे से लेकर रात 09:24 बजे तक
निशिता पूजा मुहूर्त: 12:09 बजे से देर रात 01:00 बजे तक

शिव पूजा मंत्र
ओम नम: शिवाय.

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नमः शिवाय।।

शिव पूजा के महत्वपूर्ण नियम
1. बिना कटा-फटा बेलपत्र चिकने तरफ से शिवलिंग पर चढ़ाते हैं.

2. हल्दी, सिंदूर, नारियल, कुमकुम, शंख, तुलसी के पत्ते, केवड़ा फूल आदि शिव पूजा में वर्जित हैं.

3. शिवलिंग की आधी परिक्रमा करते हैं.

4. शिवलिंग पर धीरे धीरे जल की धारा गिराते हैं, तीव्र गति से जल नहीं चढ़ाना चाहिए.

5. पूजा के समय महाशिवरात्रि व्रत कथा का पाठ जरूर करें.

महाशिवरात्रि 2023 व्रत कर पारण समय
19 फरवरी, दिन रविवार, सुबह 06:56 बजे से दोपहर 03:24 बजे के मध्य तक.

महाशिवरात्रि व्रत और पूजा विधि
1. आज प्रात: स्नान करने के बाद महाशिवरात्रि व्रत और शिव पूजा का संकल्प करें. फिर सुबह शुभ मुहूर्त में शिव जी की पूजा करें.

2. सर्वप्रथम भगवान शिव को गंगाजल मिले पानी से अभिषेक करें. उसमें अक्षत् भी डाल दें. उसके बाद शिवजी को चंदन, भस्म, अक्षत्, बेलपत्र, गाय का दूध, शहद, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, दूध से बनी मिठाई, फूल, माला, जनेऊ, मौली, वस्त्र आदि अर्पित करें.

3. इस दौरान आप शिव मंत्र का उच्चारण करते रहें. इसके बाद शिव चालीसा और महाशिवरात्रि व्रत कथा का पाठ करें. उसके बाद घी के दीपक से शिव जी की आरती करें.

4. अब आप क्षमा प्रार्थना करें. उसके बाद शिव जी से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें. फिर अपनी क्षमता के अनुसार दान और दक्षिणा दें. रात्रि के समय में जागरण करें.

5. अगले दिन 19 फरवरी को स्नान के बाद पूजा पाठ करें और शुभ समय में पारण करके महाशिवरात्रि व्रत को पूरा करें.

- विज्ञापन -

Latest News