नए घर में कैसा हो माता-पिता का कमरा, वास्तु के अनुसार ऐसे बनायें रूम, रहेंगे हेल्दी और फिट

नए घर में कैसा हो माता-पिता का कमरा

नई दिल्ली: आजकल के दौर में जिस तरह हम नया घर बनवाते समय बच्चों के लिए उनकी पसंद के अनुसार कमरा बनवाते है। उसी प्रकार घर के बुजुर्गों की पसंद का ख्याल रखते हुए उनके लिए कमरे बनवाए जाते है। घर डिजाइन करवाते समय घर के सभी सदस्यों की सहूलियत का ध्यान रखना चाहिए।

आजकल लगभग सभी घरों में कपल, बच्चों, गेस्ट व पेरेंट्स के लिए अलग से रूम डिज़ाइन करवाया जाता है, लेकिन रूम डिज़ाइन करवाते समय वास्तु शास्त्र के नियमों को ध्यान में रखना बेहद ज़रूरी होता है। वास्तु के नियमों का पालन नहीं करने से व्यक्ति पर परेशानियां आ सकती है।

ऐसे में यदि घर के बुजुर्गों के लिए कमरा डिज़ाइन करवा रहे हैं, तो वास्तु के नियमों का पालन करना और भी ज़्यादा आवश्यक हो जाता है। बुज़ुर्गों का रूम ऐसा होना चाहिए. जहां उनका मन लगा रहे। वह स्वस्थ और ख़ुश रहें, लेकिन कई बार अनजाने में छोटी-छोटी वास्तु की गलतियां हो जाती हैं। तो चलिए जानते हैं:

घर में कमरे बनवाते समय दिशा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। सलाहकारों के अनुसार, कहां-कैसा हो माता-पिता का कमरा:

# बुजुर्गों के कमरे में कभी भी अनावश्यक सामान इकट्ठा नहीं होने दें।

# बड़ों के कमरे में ज्यादा इलेक्ट्रिक सामान का इस्तेमाल न करें।

#अगर टीवी लगा है तो वो उनके बेड से 5 फीट दूर हो।

# माता-पिता के कमरे में धूप या रोशनी पर्याप्त रूप से आए।

# बुजुर्गों के कमरे में हवा निकलने के लिए खिड़की होना बहुत ज़रूरी है।

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