माघ मास की शुरुआत कल यानि के 7 जनवरी दिन शनिवार से हो रही है। माघ मास में स्नान का बहुत अधिक महत्त्व माना जाता है। माना जाता है कि माघ मास में स्नान करने से हजारों अश्वमेध यज्ञ कराने के बाराबर पुण्य फल प्राप्त होता है। बताते चले कि माघ मास में तीन बार स्नान करते हैं तो आपको वह पुण्य फल प्राप्त होता है, जो 10 हजार अश्वमेध यज्ञ करने से भी नहीं मिलता पाता। आइए जानते है माघ मास में स्नान करने से मिले वाले लाभ:
माघ स्नान का महत्व
पद्म पुराण में माघ मास के महत्व का वर्णन करते हुए लिखा गया है कि माघ मास में स्नान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और सभी पापों से मुक्ति प्रदान करके उस पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं।
यदि आप प्रयाग में माघ मास के समय संगम में स्नान करते हैं तो आपको अर्थ, धर्म, काम ओर मोक्ष की प्राप्ति होती है. यहां के स्नान का महत्व इस बात से लगा सकते हैं कि जो व्यक्ति यहां पर स्नान कर लेता है, उसे अकाल मृत्यु की आशंका नहीं रहती है. वह इससे मुक्त हो जाता है।
माघ मास: सुख-सौभाग्य, धन-संतान और मोक्ष प्राप्ति उपाय
धार्मिक शास्त्रों में बताया गया है कि यदि आप माघ मास में प्रयाग के संगम पर पूरे महीने यानि माघ के प्रत्येक दिन स्नान करते हैं तो आपको भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होगा। भगवान वासुदेव की कृपा से व्यक्ति को सुख, सौभाग्य, धन, संतान की प्राप्ति होती है और मृत्यु के बाद व्यक्ति को मोक्ष भी मिल जाता है। वह जन्म और मरण के चक्र से मुक्त होकर भगवान श्रीहरि के चरणों में स्थान प्राप्त करता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ में संगम पर देवता मनुष्य का रूप धारण करके आते हैं। वे भी यहां गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान करके पुण्य लाभ लेते हैं। इस वजह से भी माघ में यहां पर स्नान का महत्व है।
कब से कब तक है माघ मास 2023
माघ मास का प्रारंभ 07 जनवरी से हो रहा है। माघ पूर्णिमा के दिन इस माह का समापन होगा. इस साल 05 फरवरी को माघ पूर्णिमा है। इस तरह से माघ मास 07 जनवरी 2023 से 05 फरवरी 2023 तक है।