हस्तरेखा शास्त्र की मदद से जानिए अपने भविष्य के बारे में

बहुत से लोग हस्तरेखा के जरिए अपना भविष्य जानने के लिए उत्सुक होते हैं और इसी कारण वे कई हस्तरेखा देखने वालों के पास जाते हैं। हस्तरेखा शास्त्र को भारतीय ज्योतिष का अभिन्न अंग माना गया है | हस्तरेखाओं से हम अपने भविष्य, वर्तमान और भूतकाल के बारे में भी जान सकते हैं। इसी के.

बहुत से लोग हस्तरेखा के जरिए अपना भविष्य जानने के लिए उत्सुक होते हैं और इसी कारण वे कई हस्तरेखा देखने वालों के पास जाते हैं। हस्तरेखा शास्त्र को भारतीय ज्योतिष का अभिन्न अंग माना गया है | हस्तरेखाओं से हम अपने भविष्य, वर्तमान और भूतकाल के बारे में भी जान सकते हैं। इसी के साथ आज हम आपको बताने जा रहें हैं कि हमारे हाथों में कितनी रेखाएं है और इनका क्या महत्व हैं:

हथेली में होती हैं कुल 25 रेखाएं
हस्तरेखा शास्त्रों के अनुसार कुल 25 रेखाएं हमारी हथेली में रहती हैं. इनमें मुख्‍य रेखाएं 7 होती हैं जिनके नाम हैं जीवन रेखा, मस्तिष्‍क रेखा, हदय रेखा, सूर्य रेखा, भाग्‍य रेखा, स्‍वास्‍थ्‍य रेखा, विवाह रेखा.

जीवन रेखा: हथेली की रेखाओं में जीवन रेखा काफी महत्‍वपूर्ण होती है. यह रेखा हथेली में तर्जनी और अंगूठे के बीच से होकर गुजरती है और कलाई की तरफ जाती है. बताया जाता है यह रेखा इंसान के जीवन को दर्शाती है।

मस्तिष्क रेखा: यह रेखा इंसान की हथेली के बीचों बीच सीधी होती है। आमतौर पर यह देखा जाता है कि कई इंसानों की हथेली में यह जीवन रेखा के इर्द-गिर्द या उससे थोड़ी आगे-पीछे ही होती है। यह रेखा इंसान की बुद्धि, व्‍यवहार और भावनाओं को बताती है।

हृदय रेखा: हथेली में हृदय रेखा को काफी महत्‍वपूर्ण माना जाता है। यह रेखा मस्तिष्‍क रेखा और जीवन रेखा से ठीक ऊपर होती है। यह तर्जनी से लेकर छोटी ऊंगली तक होती है. इससे इंसान के प्रेम भाव का पता चलता है।

सूर्य रेखा: यह रेखा व्‍यक्ति की हथेली की अनामिका उंगली के नीचे होती है। यह रेखा अनामिका के नीचे सूर्य पर्वत और इससे नीचे हृदय रेखा की ओर जाती है।
सूर्य रेखा भी महत्‍वपूर्ण रेखाओं में से एक है। जिस इंसान के हाथ में यह रेखा दोष रहित होती है, उसे जीवन में मान सम्‍मान और धन की कमी नहीं होती।

भाग्‍य रेखा: यह रेखा हथेली में कलाई से मध्‍यमा उंगली तक होती है. यह इंसान के भाग्‍य और करियर को दर्शाता है. इससे इंसान की प्रगति का पता चलता है. यह रेखा और जीवन रेखा एक ही बिंदु से शुरू होती है.

स्‍वास्‍थ्‍य रेखा: यह रेखा इंसान के स्‍वास्‍थ्‍य को दर्शाती है. भारतीय ज्‍योतिष के मुताबिक यह रेखा इंसान के मणिबंध रेखा से ऊपर से शुरू होती है और बुध के स्‍थान की ओर जाती है. कई लोगों की हथेली में यह रेखा बिल्‍कुल सीधी होती है, तो कई लोगों के हाथ में जंजीरदार होती है.

विवाह रेखा: यह रेखा हाथ की सबसे छोटी उंगली के नीचे होती है. सामान्‍य तौर पर यह रेखा हथेली के बाहर से अंदर की तरफ आती है. अलग-अलग इंसानों में इस रेखाओं की संरचना अलग-अलग पाई जाती है. इससे इंसान के विवाह की स्थिति का पता चलता है.

हथेली में होती हैं ये भी रेखाएं
इंसान की हथेली में इन मुख्‍य रेखाओं के अलावा कुछ ऐसी रेखाएं होती हैं, जो गौण होती हैं. जैसे- मंगल रेखा, गुरु रेखा, शनि वलय, रवि वलय, शुक्र वलय, चंद्र रेखा, प्रभावक रेखा, विधा रेखा, विज्ञान रेखा, याता रेखा, भ्रातभगिनी रेखा, मित रेखा आकस्मिक रेखा, सुमन रेखा, मणिबंध रेखा, शुक्र रेखा, बुध बलय.

- विज्ञापन -

Latest News