पंचांग और शुभ मुहूर्त 30 अक्टूबर 2023

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 31 मिनट पर सूर्यास्त – शाम 17 बजकर 38 मिनट पर चंद्रोदय- शाम 06 बजकर 37 मिनट पर चंद्रास्त- सुबह 07 बजकर 55 मिनट पर पंचांग ब्रह्म मुहूर्त – 04 बजकर 48 मिनट से 05 बजकर 40 मिनट तक विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर.

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 31 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 17 बजकर 38 मिनट पर
चंद्रोदय- शाम 06 बजकर 37 मिनट पर
चंद्रास्त- सुबह 07 बजकर 55 मिनट पर

पंचांग
ब्रह्म मुहूर्त – 04 बजकर 48 मिनट से 05 बजकर 40 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 40 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 27 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 38 मिनट से 06 बजकर 04 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

अशुभ समय
राहु काल – सुबह 07 बजकर 55 मिनट से दोपहर 09 बजकर 18 मिनट तक
गुलिक काल – दोपहर 01 बजकर 28 मिनट से 02 बजकर 51 मिनट तक
दिशा शूल – पूर्व

ताराबल
भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल
मेष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, कुम्भ

शिव जी की आरती:
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥

- विज्ञापन -

Latest News