19 जनवरी को रामनगरी पहुंचेगी श्री राम चरण पादुका

लखनऊ: चित्रकूट में मंदाकिनी के जलकलश के साथ भरतकूप से 15 जनवरी को शुरु हुयी श्रीराम चरण पादुका 19 जनवरी को राम की नगरी अयोध्या पहुंचेगी। पौराणिक कथाओं के अनुसार त्रेतायुग में माता कैकेयी की हठ पर राजा दशरथ के द्वारा भरत को अयोध्या की राजगद्दी तथा प्रभु श्रीराम जी को 14 वर्ष का वनवास.

लखनऊ: चित्रकूट में मंदाकिनी के जलकलश के साथ भरतकूप से 15 जनवरी को शुरु हुयी श्रीराम चरण पादुका 19 जनवरी को राम की नगरी अयोध्या पहुंचेगी। पौराणिक कथाओं के अनुसार त्रेतायुग में माता कैकेयी की हठ पर राजा दशरथ के द्वारा भरत को अयोध्या की राजगद्दी तथा प्रभु श्रीराम जी को 14 वर्ष का वनवास मिलने की खबर पाकर ननिहाल से लौटे भरत प्रभु श्रीराम को चित्रकूट से अयोध्या वापस लाने की मनुहार की इच्छा असफल रहने पर श्रीराम जी की चरण-पादुका (खड़ाऊॅ) को शीर्ष पर रखकर वापस अयोध्या लौटे थे तथा उसी चरण-पादुका को राज्य सिंहासन पर विराजमान कर 14 वर्षों तक अयोध्या की सत्ता चलाने का काम किया था।

त्रेतायुग की उस दृश्य की याद ताजा करते हुए श्रीराम वनगमन पथ मार्ग यात्रा का शुभारम्भ 15 जनवरी को मन्दाकिनी के जल-कलश के साथ भरतकूप (चित्रकूट) से नगर भ्रमण करते हुए भव्यता, दिव्यता एवं नव्यता के साथ संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में हरिकथा सत्संग टीम, स्वयंसेवकों, सेवावर्ती कार्यकर्ताओं एवं भारत भक्ति संस्थान के सन्त बाबा सत्यनारायण मौर्या की अगुवाई में शुरू किया गया है।

यात्रा में हजारों स्वयं सेवकों तथा साधु-सन्तों के साथ-साथ सैकड़ों कलाकारों जिसमें खासकर बुन्देलखण्डी, अवधी संस्कृति से जुड़े कलाकारों के द्वारा लगभग 70 बुन्देलखण्डी एवं अवधी संस्कृतियों की थीम पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ देने का काम किया जा रहा है। रात्रि विश्राम चित्रकूट में हुआ। प्रातःकाल विभिन्न विद्यालयी बच्चों के द्वारा योग शिविर का आयोजन एवं बच्चों के विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये। जहाँ हजारों की संख्या में लोगों की उपस्थिति एवं सहभागिता रही।

यात्रा मंगलवार को मंझनपुर, कौशाम्बी से गुजरते हुए रात्रि प्रवास प्रयागराज में करेगी। जहॉ भव्य, दिव्य प्रस्तुतियॉ संस्कृति विभाग की विख्यात कलाकारों द्वारा करायी जायेगी। 17 जनवरी को राम भक्तों एवं सांस्कृतिक कलाकारों, साधु सन्तों एवं स्वयंसेवकों के साथ हजारों की संख्या में यह यात्रा प्रयागराज नगर भ्रमण करती हुई सायंकाल ऐतिहासिक रामकेवट स्थल श्रृंग्वेरपुर पहुंचेगी, जहॉ प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री, मत्स्य संजय निषाद अगुवाई करते हुए रात्रि विश्राम उसी निषादराज गुहा के प्रांगण में करेगें। प्रातः चरण-पादुका का पूजन-अर्चन कर इसे मंत्री द्वारा विधिवत भ्रमण कराते हुए स्वागत सम्मान के साथ आगे के लिए रवाना किया जायेगा।

यह यात्रा प्रतापगढ़ होते हुए 18 जनवरी को चतुर्थ रात्रि विश्राम सुलतानपुर में करेगी तथा रास्ते भर विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियॉ, स्वागत सम्मान कार्यक्रम, स्थानीय रामभक्तों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा किया जायेगा। 19 जनवरी को प्रातः स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा इस यात्रा का पूजन-अर्चन एवं स्वागत करके अन्तिम पड़ाव नन्दीग्राम अयोध्या के लिए ससम्मान प्रस्थान कराया जायेगा तथा रास्ते भर इसका भव्य उत्सव एवं अलौकिक सम्मान-सत्कार, ढोल-मजीरों, बैण्ड-बाजों के साथ होकर 19 जनवरी को अपने अन्तिम पड़ाव नन्दीग्राम अयोध्या शाम छह बजे पहुॅचेगी। इस यात्रा का समापन प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति जयवीर सिंह द्वारा किया जायेगा। समापन कार्यक्रम के बाद श्रीराम गमन पथ यात्रा की चरण-पादुका को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के पदाधिकारियों को सौंप दी जायेगी।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि मकर संक्रान्ति की तिथि से शुरू हो चुकी यह यात्रा लगभग 370 किमी की इस पांच दिवसीय ऐतिहासिक चरण-पादुका यात्रा में आस-पास के मन्दिरों धार्मिक स्थलों, विद्यालयों तथा गॉवों व नगरों से गुजरते हुए इस यात्रा का स्थानीय लोगों, जनप्रतिनिधियों, साधु-सन्तों, कलाकारों द्वारा अपनी-अपनी तरह से स्वागत-सत्कार रास्ते भर किया जायेगा, साथ ही साथ सरयू के जल-कलश के द्वारा शोभा-यात्रा में जगह-जगह स्थानीय बैण्डबाजों, पुष्प वर्षा, जगह-जगह इन चरण-पादुका का स्वागत किया जायेगा। मुख्य रथ पर प्रसाद का वितरण, प्रचार-प्रसार, अयोध्या आने का निमन्त्रण, लोक कलाकारों का नृत्य एवं सन्तों का आशीर्वचन, प्रभु श्रीराम लला का मन्दिर एवं अयोध्या का दर्शन,एलईडी के माध्यम से संचालन एवं साउण्ड एवं लेजर शो का आयोजन सम्पूर्ण यात्रा में की जायेगी।

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