आज नवरात्रि के पांचवे दिन इस शुभ मुहूर्त में करें स्कंदमाता की पूजा, मिलेगा आशीर्वाद

आज शारदीय नवरात्रि का पांचवा दिन है। इस दिन देवी स्कंदमाता की पूजा करते की जाती है। आज देवी स्कंदमाता जी की पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है। आपको बता दें कि आदिशक्ति मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जानते हैं। नवरात्रि का पांचवा दिन स्कंदमाता की पूजा के.

आज शारदीय नवरात्रि का पांचवा दिन है। इस दिन देवी स्कंदमाता की पूजा करते की जाती है। आज देवी स्कंदमाता जी की पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है। आपको बता दें कि आदिशक्ति मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जानते हैं। नवरात्रि का पांचवा दिन स्कंदमाता की पूजा के लिए समर्पित है। आइए जानते है देवी स्कंदमाता जी की पूजा विधि और मंत्र के बारे में:

शारदीय नवरात्रि 2023 स्कंदमाता की पूजा का मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आश्विन मा​ह के शुक्ल पक्ष की पंचमी ​तिथि को नवरात्रि का पांचवा दिन होता है. इस साल नवरात्रि की पंचमी तिथि आज 01:12 एएम से शुरू हो रही है और कल 00:31 एएम तक मान्य है. उदया तिथि के आधार पर स्कंदमाता की पूजा आज है.

3 शुभ योग में शारदीय नवरात्रि का 5वां दिन
आज के दिन रवि योग रात 09 बजकर 04 मिनट से बन रहा है और यह कल सुबह 06 बजकर 25 मिनट तक रहेगा. इस योग में सूर्य का प्रभाव अधिक होता है. इसे शुभ योग मानते हैं. आज प्रात:काल से ही सौभाग्य योग बना है, जो सुबह 06:54 बजे तक है. उसके बाद से शोभन योग प्रारंभ होगा, जो कल सुबह 05 बजकर 09 मिनट तक रहेगा.

मां स्कंदमाता पूजा मंत्र
महाबले महोत्साहे महाभय विनाशिनी।
त्राहिमाम स्कन्दमाते शत्रुनाम भयवर्धिनि।।

बीज मंत्र: ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:

स्कंदमाता की पूजा विधि
आज प्रात: स्नान के बाद सूर्य देव को जल से अर्घ्य दें. फिर स्कंदमाता की पूजा विधिपूर्वक करें. उनको अक्षत्, सिंदूर, लाल फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, केला आदि अर्पित करके पूजन करें. स्कंदमाता को केला और बताशे का भोग लगाएं. पूजा के समय स्कंदमाता के मंत्र का उच्चारण करें. कार्यों में सफलता और मनोकामना पूर्ति के लिए स्कंदमाता के बीज मंत्र का जाप करें. उसके बाद स्कंदमाता की आरती करें.

स्कंदमाता पूजा के फायदे
1. संतान सुख की प्राप्ति के लिए स्कंदमाता की पूजा करते हैं.
2. सुखी पारिवारिक जीवन और खुशहाली के लिए स्कंदमाता की आराधना करनी चाहिए.
3. स्कंदमाता की कृपा से व्यक्ति के पाप मिटते हैं. वह जन्म और मरण के चक्र से मुक्ति पा जाता है.
4. कार्यों में सफलता के लिए भी स्कंदमाता की पूजा की जाती है.

स्कंदमाता की आरती
जय तेरी हो स्कंदमाता, पांचवां नाम तुम्हारा आता।
सब के मन की जानन हारी, जग जननी सब की महतारी।

तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं, हर दम तुम्हें ध्याता रहूं मैं।
कई नामों से तुझे पुकारा, मुझे एक है तेरा सहारा।

कहीं पहाड़ों पर है डेरा, कई शहरों में तेरा बसेरा।
हर मंदिर में तेरे नजारे, गुण गाए तेरे भक्त प्यारे।

भक्ति अपनी मुझे दिला दो, शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो।
इंद्र आदि देवता मिल सारे, करें पुकार तुम्हारे द्वारे।

दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए, तुम ही खंडा हाथ उठाएं।
दास को सदा बचाने आईं, चमन की आस पुराने आई।

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