जब भगवान विष्णु ने लिया मत्स्य अवतार

मत्स्य अवतार भगवान विष्णु का प्रथम अवतार है। मछली के रूप में अवतार लेकर भगवान विष्णु ने एक ऋ षि को सब प्रकार के जीव-जन्तु एकत्रित करने के लिए कहा और पृथ्वी जब जल में डूब रही थी, तब मत्स्य अवतार में भगवान ने उस ऋ षि की नाव की रक्षा की। इसके पश्चात् ब्रह्मा.

मत्स्य अवतार भगवान विष्णु का प्रथम अवतार है। मछली के रूप में अवतार लेकर भगवान विष्णु ने एक ऋ षि को सब प्रकार के जीव-जन्तु एकत्रित करने के लिए कहा और पृथ्वी जब जल में डूब रही थी, तब मत्स्य अवतार में भगवान ने उस ऋ षि की नाव की रक्षा की। इसके पश्चात् ब्रह्मा ने पुन: जीवन का निर्माण किया। एक दूसरी मान्यता के अनुसार एक राक्षस ने जब वेदों को चुरा कर सागर की अथाह गहराई में छुपा दिया, तब भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप धारण करके वेदों को प्राप्त किया और उन्हें पुन: स्थापित किया।

मत्स्य अवतार की कथा: एक बार ब्रह्माजी की असावधानी के कारण एक बहुत बड़े दैत्य ने वेदों को चुरा लिया। उस दैत्य का नाम हयग्रीव था। वेदों को चुरा लिए जाने के कारण ज्ञान लुप्त हो गया। चारों ओर अज्ञानता का अंधकार फैल गया और पाप तथा अधर्म का बोलबाला हो गया। तब भगवान विष्णु ने धर्म की रक्षा के लिए मत्स्य रूप धारण करके हयग्रीव का वध किया और वेदों की रक्षा की।

- विज्ञापन -

Latest News