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चीन लोक गणराज्य की 75वीं वर्षगांठ: समृद्धि और विकास की नई उड़ान

इस वर्ष चीन लोक गणराज्य अपनी स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। 1 अक्टूबर 1949 को, माओ ज़ेदोंग ने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना की स्थापना की घोषणा की थी, जिसने देश को एक नए युग में प्रवेश कराया। पिछले सात दशकों में चीन ने असाधारण प्रगति की है। इस अवसर पर चीन की उपलब्धियों,.

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इस वर्ष चीन लोक गणराज्य अपनी स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। 1 अक्टूबर 1949 को, माओ ज़ेदोंग ने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना की स्थापना की घोषणा की थी, जिसने देश को एक नए युग में प्रवेश कराया। पिछले सात दशकों में चीन ने असाधारण प्रगति की है। इस अवसर पर चीन की उपलब्धियों, चुनौतियों, और भविष्य की ओर उसके दृष्टिकोण को समझना आवश्यक है। देश भर में सभी जातीय समूहों के लोगों ने चीन को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने के लिए पिछले 7 दशकों से लगातार कड़ी मेहनत की है और महान उपलब्धियां हासिल की हैं और चीनी राष्ट्र के महान कायाकल्प की नई यात्रा पर आगे बढ़ रहे हैं। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के बाद से, पार्टी और देश ने ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल की हैं और सभी उपक्रमों में ऐतिहासिक परिवर्तन हुए हैं। भारत के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में चीनी भाषा के प्रोफ़ेसर श्री स्वर्ण सिंह ने बताया कि भारत और चीन दोनों ही प्राचीन सभ्यताओं के धनी देश हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता के लगभग एक साथ कदम उठाए थे। 1947 में भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की और 1949 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का गठन हुआ। दोनों देशों के स्वतंत्रता के बाद विकास और प्रगति के रास्ते अलग-अलग रहे हैं और वर्तमान में वे दुनिया की प्रमुख शक्तियों में से हैं, लेकिन उनके विकास और चुनौतियों में भिन्नताएँ भी देखी जा सकती हैं।

1949 में जब पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना की स्थापना हुई, तब देश संघर्ष और गरीबी की चपेट में था। लेकिन सरकार ने कठोर परिश्रम, नवाचार और समर्पण के माध्यम से देश को गरीबी से बाहर निकाला और आर्थिक विकास के नए मानदंड स्थापित किए। आज चीन में न केवल विशाल अवसंरचना का निर्माण हुआ है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में भी अद्वितीय प्रगति हुई है। प्रोफ़ेसर सवर्ण सिंह आगे कहते हैं कि चीन ने 1980 के दशक में आर्थिक सुधारों और खुली नीतियों को अपनाया, जिसके परिणामस्वरूप उसने तीव्र गति से औद्योगिकीकरण और शहरीकरण किया। आज चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और वैश्विक व्यापार का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है। उसकी मैन्युफैक्चरिंग शक्ति और निर्यात क्षमता बेजोड़ हैं।

चीन ने पिछले 75 वर्षों में असंख्य चुनौतियों का सामना करते हुए एक प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने का सफर तय किया है। देश ने गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में जबरदस्त सफलता प्राप्त की है, जो संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है। आज चीन वैश्विक मंच पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 75 वर्षों के भीतर, चीन ने वैश्विक व्यापार, तकनीक, विज्ञान, और राजनीति में अपना स्थान मजबूत किया है। ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल जैसी परियोजनाएं चीन को एक विश्वव्यापी नेतृत्वकर्ता के रूप में प्रस्तुत करती हैं, जो विकासशील देशों के लिए भी एक साझेदार की भूमिका निभा रहा है। इसके अलावा, चीन ने अपने शांति प्रयासों, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ उठाए गए कदमों, और विकासशील देशों के साथ सहयोग में सक्रिय भूमिका निभाई है।

चीन ने हाल के वर्षों में उच्च तकनीकी प्रगति और नवाचार के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है। 5G तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और अंतरिक्ष विज्ञान जैसे क्षेत्रों में उसकी उपलब्धियां प्रशंसनीय हैं। नई ऊर्जा वाहनों जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में अग्रणी बन चुका है। चीन की ‘मेड इन चाइना 2025’ नीति ने देश को एक उच्च-प्रौद्योगिकी निर्माण केंद्र बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, चीन का पर्यावरण संरक्षण और हरित ऊर्जा के विकास में बड़ा योगदान है, जो भविष्य के लिए महत्वपूर्ण दिशा दिखाता है। चीन की सरकार द्वारा भविष्य के लिए ‘डबल सर्कुलेशन’ नीति का अनावरण किया गया है, जिसमें आंतरिक बाजार को मजबूत करते हुए वैश्विक बाजारों के साथ सहयोग की दिशा निर्धारित की गई है। चीन ने वैश्विक कूटनीति में अपना प्रभाव लगातार बढ़ाया है। उसका बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में सक्रिय भागीदारी उसे एक वैश्विक खिलाड़ी के रूप में मजबूत करता है।

चीन न केवल आर्थिक और तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी है, बल्कि अपनी सांस्कृतिक धरोहर और राष्ट्रीय एकता को भी सहेज कर रखा है। चीनी संस्कृति, कला और परंपराएं पूरे विश्व में प्रसारित हो रही हैं। चाहे वह चीनी नववर्ष हो या शाही महल की धरोहर, चीन की सांस्कृतिक धरोहरें उसकी पहचान का अभिन्न अंग हैं। चीन लोक गणराज्य की 75वीं वर्षगांठ न केवल एक ऐतिहासिक अवसर है, बल्कि यह चीन के अतीत, वर्तमान और भविष्य को देखने का एक अवसर भी है। इस दिन चीन अपनी उपलब्धियों को याद करते हुए भविष्य की ओर आशावादी दृष्टि से देख रहा है। जिस प्रकार से चीन ने पिछले 75 वर्षों में खुद को बदला है, उसी प्रकार वह आने वाले समय में भी वैश्विक नेतृत्व में अपनी भूमिका को और मजबूती से निभाएगा। इस अवसर पर दुनिया भर से चीन को बधाई देने वाले देशों की मानो बाढ़ सी आ गई है, लगभग हर देश चीन लोक गणराज्य की 75वीं वर्षगांठ पर बधाई दे रहा है।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)  (लेखक—देवेंद्र सिंह)

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