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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114Electricity Crisis in Bangladesh : बांग्लादेश में एक ओर राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है, तो वहीं अब भारतीय उद्योगपति अडानी ने भी बांग्लादेश को झटका दे दिया है। बांग्लादेश की बत्ती किसी भी समय गुल हो सकती है। अडानी ग्रुप की कंपनी ‘अडानी पावर झारखंड लिमिटेड’ ने बांग्लादेश को बिजली की सप्लाई आधी कर दी है। दरअसल, बिजली की सप्लाई रोकने का प्रमुख कारण बिजली के बकाया बिलों की पेमेंट न होना है। यदि मामले का कोई समाधान नहीं होता है तो आने वाले दिनों में बांग्लादेश में अंधेरा छा जाए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अडानी पावर झारखंड लिमिटेड ने बांग्लादेश को की जाने वाली बिजली सप्लाई आधी कर दी है। कंपनी का उसके ऊपर 846 मिलियन डॉलर का बकाया है। एक समाचार पत्र के अनुसार पावर ग्रिड बांग्लादेश के आंकड़ों से पता चला है कि अडानी प्लांट ने गुरुवार रात से बिजली आपूर्ति कम कर दी। बांग्लादेश ने गुरुवार और शुक्रवार की रात को 1,600 मेगावाट से अधिक की कमी की सूचना दी है, क्योंकि 1,496 मेगावाट का प्लांट अब एक यूनिट से 700 मेगावाट तक की बिजली का उत्पादन कर रहा है।
इससे पहले अडानी कंपनी ने बांग्लादेश के ऊर्जा सचिव को पत्र लिखकर बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड से 30 अक्टूबर तक बकाया राशि का भुगतान करने के लिए कहा था। 27 अक्टूबर को लिखे पत्र में कहा गया था कि यदि बिलों का भुगतान नहीं किया गया तो कंपनी पावर परचेज एग्रीमेंट के तहत 31 अक्टूबर को बिजली आपूर्ति बंद करने को बाध्य होगी। कंपनी ने कहा कि बांग्लादेश की और से न तो बांग्लादेश कृषि बैंक से 170.03 मिलियन अमरीकी डालर की राशि के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट उपलब्ध कराया गया है और न ही 846 मिलियन डालर की बकाया राशि का भुगतान किया है।
समाचार पत्र ने PDB के एक अधिकारी के हवाले से कहा कि उन्होंने पिछले बकाए का एक हिस्सा चुका दिया था, लेकिन जुलाई महीने से अडानी ग्रुप पिछले महीनों की तुलना में अधिक पैसे ले रहा है। उन्होंने कहा कि PDB करीब 18 मिलियन डालर का साप्ताहिक भुगतान कर रहा है, जबकि यह शुल्क 22 मिलियन डालर से अधिक है।
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के हटने के बाद जब से बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार बनी है, तभी से अडानी की कंपनी बकाया भुगतान करने का दबाव बना रही हैं। अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने भी इस बारे में पत्र लिखा था।