ओटावा : कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बार फिर भारत की भावना को आहत करने कोशिश की है। इस बार उन्होंने भारत के पवित्र चिन्ह स्वस्तिक पर निशाना साधा है। उन्होंने स्वस्तिक चिन्ह को नफरत फैलाने वाला चिन्ह बताया है। उन्होंने हाल में कनाडा की राजधानी में आयोजित फिलिस्तीन समर्थक रैली में पार्लियामैंट हिल पर स्वस्तिक चिन्ह दिखाने पर आलोचना की है। कनाडाई प्रधानमंत्री ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि जब हम किसी भी घृणित भाषा और चिन्ह को देखते या सुनते हैं तो हमें इसकी निंदा करनी चाहिए।
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पार्लियामैंट हिल पर किसी व्यक्ति की तरफ से स्वस्तिक का प्रदर्शन करना मान्य नहीं है। कनाडाई लोगों को शांतिपूर्वक रैली करने का अधिकार है, लेकिन हम यहूदी विरोधी भावना, इस्लामोफोबिया या किसी भी अन्य तरह की नफरत फैलाने वाले चीजों को बर्दाश्त नहीं कर सकते। कनाडाई पीएम स्वस्तिक चिन्ह को बैन लगाने वाला एक विधेयक भी ला चुके हैं।
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हालांकि, वो अभी तक पास नहीं हुआ है। इस तरह से कनाडा की सरकार हिन्दू धर्म के आस्था के साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रही है। आपको बता दें कि बीते कुछ सालों से पश्चिमी देश स्वस्तिक चिन्ह को जर्मनी के तानाशाह हिटलर की सेना में इस्तेमाल किए जाने वाले नाजी चिन्ह से जोड़कर देखते हैं। हालांकि, स्वस्तिक चिन्ह का नाजी चिन्ह से कोई वास्ता नहीं है। दोनों में कई तरह के अंतर हैं। एक तरफ जहां नाजी चिन्ह 45 डिग्री झुका है, वहीं दूसरी तरफ स्वस्तिक में ऐसी कोई समानता नहीं है।