China and India : चीनी उप विदेश मंत्री सुन वेईतोंग और भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने 27 जनवरी को चीन की राजधानी पेइचिंग में वार्ता की। दोनों पक्षों ने रूस के कज़ान में चीन और भारत के नेताओं के बीच संपन्न अहम सहमति का कार्यान्वयन और चीन-भारत सम्बंधों का बेहतर विकास करने पर विचार-विमर्श किया।
दोनों पक्षों ने निम्नलिखित विशिष्ट मुद्दों पर सहमति कायम की।
पहला, भारत शांगहाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में चीन के काम को पूरी तरह से समर्थन देना चाहता है। भारत एससीओ के ढांचे में चीन के तत्वावधान में आयोजित सभी कार्यक्रमों में सक्रियता से भाग लेगा।
दूसरा, दोनों पक्ष इसपर सहमत हुए कि द्वीपक्षीय और बहुपक्षीय अवसरों पर विभिन्न स्तरीय सक्रिय आदान-प्रदान किया जाएगा, ताकि रणनीतिक संपर्क और आपसी राजनीतिक विश्वास बढ़ सके।
तीसरा, दोनों पक्षों ने वर्ष 2025 में चीन और भारत के बीच राजनयिक सम्बंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ को संयुक्त रूप से मनाने पर सहमति व्यक्त की। दोनों पक्ष मीडिया व थिंक टैंक का आदान-प्रदान, द्वितीय ट्रैक वार्ता और अन्य सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे।
चौथा, दोनों पक्षों ने चीन की मुख्य भूमि और भारत के बीच सीधी उड़ान फिर से शुरू करने पर सहमति कायम की। दोनों पक्ष सम्बंधित विभागों के बीच समन्वय का समर्थन करने के लिए कदम उठाएंगे, ताकि दोनों देशों के बीच व्यक्तियों और पत्रकारों के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाया जा सके।
पांचवां, दोनों पक्ष इस पर सहमत हुए कि वर्ष 2025 में भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए चीन के शीत्सांग (तिब्बत) स्वायत्त प्रदेश स्थित पवित्र पर्वत और झील की तीर्थयात्रा पुनः शुरू की जाएगी।
छठा, दोनों पक्ष सीमा पार नदी सहयोग जारी रखने पर सहमत हुए और विशेषज्ञ स्तरीय व्यवस्था की नए चरण की बैठक शीघ्र ही आयोजित करने पर संपर्क कायम रखेंगे।
चीनी पक्ष ने जोर दिया कि दोनों पक्षों को राष्ट्र और नागरिकों के मूल हितों के अनुरूप रणनीतिक व दीर्घकालीन दृष्टिकोण से चीन-भारत सम्बंधों का निपटारा करना होगा, ताकि चीन-भारत सम्बंधों को स्वस्थ और स्थिर दिशा में बढ़ाया जा सके। वर्तमान वार्ता में दोनों पक्षों ने अन्य दिलचस्पी वाले मुद्दों पर भी गहन रूप से विचारों का आदान-प्रदान किया।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)