कोविड महामारी के प्रकोप को तीन साल बीत चुके हैं। इस दौरान चीन और दुनिया के अन्य देशों ने मिलकर एक-दूसरे की मदद कर महामारी का मुकाबला किया। साल 2020 की शुरुआत में जब चीन महामारी से लड़ने के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा था, तब कई देशों ने चीन की तरफ हाथ बढ़ाया था। 9 फरवरी, 2020 को रूस ने आईएल-76 परिवहन विमान भेजकर चीन को 23 टन मानवीय राहत सामग्री भेजी। मंगोलिया ने “भेड़ कार्यवाही” नामक एक विशेष गतिविधि का आयोजन किया। कुछ ही दिनों में मंगोलिया ने अपने विभिन्न प्रांतों से 30,000 भेड़ें एकत्र कीं और मदद के लिए चीन भेजा।
आंकड़ों के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष समेत 77 देशों और 12 अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने चीन को राहत सामग्री मुहैया कराई। चीन अपने मददगार दोस्तों को नहीं भूला। जब दुनिया भर में कोरोना फैला तो चीन ने दूसरे देशों की मदद करनी शुरू कर दी। मार्च 2022 में कंबोडिया की महामारी की स्थिति गंभीर थी। चीन ने प्रथम समय पर चिकित्सा दल और चिकित्सा आपूर्ति भेजी और एक दीर्घकालिक राहत योजना बनाई।
15 मार्च को सर्बिया के राष्ट्रपति अलेक्सांद्र वुसिक ने टेलीविजन पर भाषण दिया कि सर्बिया में महामारी की स्थिति गंभीर है और आपातकालीन राहत की जरूरत है। उन्हें चीन से बहुत उम्मीदें थीं। केवल 6 दिनों में सर्बिया की मदद करने वाली चीनी चिकित्सा टीम सर्बिया पहुँच गई, जो अपने साथ 10 टन चिकित्सा सामग्री भी लाई।
ध्यान रहे कि तीन साल में चीन ने 150 से ज्यादा देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को आपातकालीन राहत पहुंचाई और 27 देशों में चिकित्सा विशेषज्ञ टीमों के 29 समूह भेजे। चीन ने महामारी से निपटने के लिए 2 अरब युआन के सहयोग कोष की स्थापना की। चीन ने 120 से अधिक देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को 220 करोड़ कोविड-रोधी टीके प्रदान किए।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)