China ने India के साथ हुए समझौतों का नहीं किया पालन, LAC पर की एकतरफा बदलाव की कोशिश : S. Jaishankar

वियनाः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि चीन ने सीमा मुद्दों पर भारत के साथ हुए समझौतों का पालन नहीं किया और उसने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘‘एकतरफा बदलाव’’ की कोशिश की तथा इसी वजह से दोनों पड़ोसियों के बीच ‘‘तनावपूर्ण स्थिति’’ है। ऑस्ट्रिया के राष्ट्रीय प्रसारक ओआरएफ को दिए साक्षात्कार में जयशंकर.

वियनाः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि चीन ने सीमा मुद्दों पर भारत के साथ हुए समझौतों का पालन नहीं किया और उसने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘‘एकतरफा बदलाव’’ की कोशिश की तथा इसी वजह से दोनों पड़ोसियों के बीच ‘‘तनावपूर्ण स्थिति’’ है। ऑस्ट्रिया के राष्ट्रीय प्रसारक ओआरएफ को दिए साक्षात्कार में जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सुरक्षा बल नहीं रखने को लेकर समझौते हुए हैं।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि हालांकि चीन ने उन समझौतों का पालन नहीं किया, और ‘‘यही वजह है कि हमारे बीच वर्तमान में तनावपूर्ण स्थिति है’’। जयशंकर ने कहा, कि हमारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को एकतरफा ढंग से नहीं बदलने का समझौता था, जिसे उन्होंने (चीन) एकतरफा ढंग से बदलने की कोशिश की है। अगर चीन भी यह कहे कि भारत ने समझौतों का पालन नहीं किया तो क्या होगा, इस सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि बीजिंग के लिए यह कहना मुश्किल है क्योंकि रिकॉर्ड बहुत स्पष्ट है।

जयशंकर ने कहा, कि आज उपग्रह चित्र बहुत अधिक स्पष्ट हैं। यदि हम देखते हैं कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना को सबसे पहले किसने भेजा, तो मुझे लगता है कि रिकॉर्ड बहुत स्पष्ट है। इसलिए, आपने जो कहा, वह चीन के लिए कहना बहुत मुश्किल है। भारतीय सेना के अनुसार, 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी जिसमें दोनों पक्षों के कुछ र्किमयों को मामूली चोटें आईं।

जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद से भारत और चीन की सेनाओं के बीच यह पहली बड़ी झड़प थी। दोनों देशों के बीच सीमा गतिरोध को सुलझाने के लिए 17 दौर की बातचीत हो चुकी है। जयशंकर दो देशों की यात्रा के दूसरे चरण में साइप्रस से ऑस्ट्रिया पहुंचे। यह पिछले 27 वर्षों में भारत से ऑस्ट्रिया की पहली विदेश मंत्री स्तर की यात्रा है, और यह 2023 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष होने की पृष्ठभूमि में हुई है।

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