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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114जब पूरी दुनिया सतत ऊर्जा की ओर बढ़ने की कोशिश कर रही है, इस दिशा में चीन का इलेक्ट्रिक वाहन बाज़ार तेज़ी से बढ़ रहा है। हाल ही में चीन में नई ऊर्जा वाहनों की खुदरा बिक्री में वृद्धि जारी है, जुलाई के आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि बिक्री 50 प्रतिशत से अधिक हो गई है, जो पहली बार पारंपरिक यात्री वाहनों की बिक्री को पार कर गई है। चाइना पैसेंजर कार एसोसिएशन के आंकड़ें बताते हैं कि पिछले महीने ऐसे वाहनों की लगभग 8.78 लाख यूनिट बेची गईं, जो पिछले साल के मुकाबले 36.9 प्रतिशत ज्यादा है। अकेले साल 2024 से 2028 के बीच इस बाज़ार में 5.69 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान जताया गया है। आर्थिक जानकारों के मुताबिक साल 2028 में इस बाज़ार का आकार 398 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है। चीन में करीब 500 इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता हैं। चीन के वाहन निर्माताओं का हिस्सा दुनिया भर में बने ईवी में आधा से ज़्यादा है। इसके जरिए जहां चीन पर्यावरण रक्षा की दिशा में कदम बढ़ा रहा है, वहीं अमेरिकी और यूरोपीय वाहन बाजार को कड़ी टक्कर दे रहा है।
चीन के इलेक्ट्रिक वाहन बाजार की सफलता का राज उनके नई तकनीक और निर्माण खर्च को माना जा रहा है। वर्तमान में चीन दुनिया का सबसे बड़ा ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रिक-कार बाजार है। उपभोक्ताओं को एनईवी खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने और बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए सब्सिडी नीतियां शुरू की गई हैं। इसके अलावा ऑटोमेकर्स के लिए एनईवी उत्पादन और बिक्री के एक निश्चित अनुपात को बनाए रखने के लिए नियम लागू किए गए हैं, जो चीनी एनईवी उद्योग की उन्नति में योगदान दे रहे हैं। साथ ही चीन में एनईवी के विकास को आगे बढ़ाने के लिए तकनीकी नवाचार को प्राथमिकता देने वाली सरकारी नीतियां, खरीदारों में पर्यावरण जागरूकता बढ़ाना और रिसर्च को बढ़ाने के लिए शिक्षाविदों और उद्योग के बीच सहयोग करने जैसे प्रयास किए जा रहे हैं। चीनी एनईवी उद्योग का विकास न केवल पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा सुरक्षा और औद्योगिक परिवर्तन के ग्लोबल ट्रेंड्स के हिसाब से है, बल्कि वैश्विक स्तर पर एनईवी उद्योग की बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कड़ी भी है।
उधर चीन के ईवी बाजार की बढ़ोतरी के आंकड़ों से पिछले दिनों शेयरों में उछाल आया। हांगकांग के शेयर बाजार में वाहन निर्माता कंपनियों को जबरदस्त बढ़त हासिल हुई। यही हाल सिंगापुर के बाजार में भी रहा। चीन के ईवी ऑस्ट्रेलियाई बाज़ार में भी काफ़ी लोकप्रिय हैं। ऑस्ट्रेलिया में बिकने वाले 80% से ज़्यादा ईवी चीन में ही बनाए जाते हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों के चलते ही चीन साल 2023 में जापान को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे बड़ा वाहन निर्यातक बन गया। इलेक्ट्रिक वाहनों के वैश्विक बाजार में चीन की बढ़ती आवक से दुनिया के कई देश सशंकित भी हैं। हालांकि इसका असर ज्यादा पड़ने की आशंका नहीं दिख रही है। इसकी वजह यह है कि चीन के वाहनों का निर्माण सस्ता है और वे बाकी निर्माताओं की तुलना में उपभोक्ता बाजार में कम कीमत में अपनी कारें उपलब्ध कराते हैं। लेकिन वास्तव में, चीन के नई ऊर्जा वाहन प्रदर्शन और प्रौद्योगिकी के मामले में हमेशा सराहनीय रहे हैं। यह बड़ी वजह है कि आने वाले पांच वर्षों में दुनिया के आधे इलेक्ट्रिक वाहन बाजार पर चीन का कब्जा होगा।
(लेखक—उमेश चतुर्वेदी)