चीन ने अमेरिका द्वारा जारी “चीन की सैन्य शक्ति रिपोर्ट” का विरोध किया

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में वार्षिक “चीन की सैन्य शक्ति रिपोर्ट” जारी की, जिसमें कहा गया कि इस वर्ष मई तक, चीनी सेना के शस्त्रागार में 500 से अधिक प्रयोग करने योग्य परमाणु हथियार हैं और साल 2030 तक 1,000 से अधिक परमाणु हथियार होंगे। अमेरिका की इस रिपोर्ट की चर्चा करते हुए.

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में वार्षिक “चीन की सैन्य शक्ति रिपोर्ट” जारी की, जिसमें कहा गया कि इस वर्ष मई तक, चीनी सेना के शस्त्रागार में 500 से अधिक प्रयोग करने योग्य परमाणु हथियार हैं और साल 2030 तक 1,000 से अधिक परमाणु हथियार होंगे।

अमेरिका की इस रिपोर्ट की चर्चा करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने 20 अक्तूबर को पेइचिंग में आयोजित नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चीन ने इसका दृढ़ता के साथ विरोध किया है। चीन अमेरिका से शीत युद्ध की मानसिकता और आधिपत्यवादी तर्क को त्यागने, चीन के रणनीतिक इरादों व राष्ट्रीय रक्षा निर्माण को निष्पक्ष और तर्कसंगत रूप से देखने, साल-दर-साल ऐसी गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्ट प्रकाशित करना बंद करने, और दोनों देशों व दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंधों की स्थिरता बनाए रखने के लिए व्यावहारिक कार्रवाई करने का आग्रह करता है।

प्रवक्ता ने यह भी कहा कि अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा जारी 2023 “चीन की सैन्य शक्ति रिपोर्ट”, पिछली समान रिपोर्टों की तरह है, जो तथ्यों को नजरअंदाज करती है, पूर्वाग्रह से भरी है, और सैन्य आधिपत्य बनाए रखने के लिए खुद के लिए बहाने बनाने के लिए “चीन खतरा सिद्धांत” फैलाती है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका के पास दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे उन्नत परमाणु शस्त्रागार है। वह परमाणु हथियारों के पहले उपयोग पर जोर देता है, अपने परमाणु बलों को उन्नत करने में भारी निवेश करना जारी रखता है, रणनीतिक बलों की आगे की तैनाती को बढ़ावा देता है, और सहयोगियों के खिलाफ “विस्तारित प्रतिरोध” को मजबूत करता है। अमेरिकी की ये नीतियां और कार्रवाइयां परमाणु हथियारों की होड़ और परमाणु संघर्ष के खतरे को बढ़ाती हैं, और इससे वैश्विक रणनीतिक सुरक्षा माहौल और खराब होगा।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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