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चीन-रूस संबंध ब्रिक्स सहयोग का है आदर्श

सभी ब्रिक्स देशों के बीच चीन-रूस संबंध सहयोग का एक मॉडल है। यह न केवल अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक स्थलों में एक-दूसरे के मूल हितों की रक्षा करने के दोनों देशों के प्रयासों में, बल्कि चीन और रूस के बीच तेजी से बढ़ते आर्थिक सहयोग में भी परिलक्षित होता है, जिस ने दोनों देशों के बीच राजनीतिक.

सभी ब्रिक्स देशों के बीच चीन-रूस संबंध सहयोग का एक मॉडल है। यह न केवल अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक स्थलों में एक-दूसरे के मूल हितों की रक्षा करने के दोनों देशों के प्रयासों में, बल्कि चीन और रूस के बीच तेजी से बढ़ते आर्थिक सहयोग में भी परिलक्षित होता है, जिस ने दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंधों की ठोस नींव रखी है। 2023 में, चीन और रूस के बीच माल व्यापार की मात्रा 240.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गयी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 26.3% की वृद्धि है।

चीन-रूस संबंधों के सुचारू विकास का मूल कारण दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक आपसी विश्वास है। चीन और रूस हमेशा संयुक्त राष्ट्र, जी20, ब्रिक्स और शांघाई सहयोग संगठन जैसे बहुपक्षीय संस्थानों में रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने, वैश्विक शासन प्रणाली के सुधार को बढ़ावा देने और साझा समुदाय के निर्माण का नेतृत्व करने के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं। चीन हमेशा एकतरफा प्रतिबंधों का विरोध करता रहा है, और चीन बाहरी दबाव की उपेक्षा कर रूस के साथ सामान्य व्यापार करता रहा है। अब चीन और रूस व्यापार और निवेश सहयोग के अच्छे विकास की गति को बढ़ावा देते हुए हरित अर्थव्यवस्था और डिजिटल व्यापार जैसे सहयोग के नए क्षेत्रों का विस्तार कर रहे हैं, और साथ ही वे सीमा पार ई-कॉमर्स जैसे नए व्यापार रूपों का विकास कर रहे हैं।

वर्तमान में, दुनिया महत्वपूर्ण परिवर्तनों के दौर से गुजर रही है, अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में अशांत परिवर्तन हो रहे हैं, एक के बाद एक विभिन्न संघर्ष उभर रहे हैं, और एकतरफावाद अंतर्राष्ट्रीय शासन प्रणाली को प्रभावित कर रही है, जिसके परिणामस्वरूप वैश्विक अनिश्चितता तथा अस्थिरता बढ़ रही है। उधर, चीन और रूस ने हमेशा टकराव के बजाय बातचीत, गठबंधन के बजाय साझेदारी और जीत-जीत सहयोग के नए सुरक्षा पथ का पालन किया है। चीन मानव जाति के लिए साझा भविष्य वाले समुदाय के निर्माण की अवधारणा के मुताबिक ब्रिक्स जैसे बहुपक्षीय सहयोग अवसरों की श्रृंखला में सुरक्षा सहयोग को सक्रिय रूप से बढ़ावा देता है। चीन द्वारा प्रस्तावित आम, व्यापक, सहकारी और टिकाऊ सुरक्षा अवधारणा की रूस सहित अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा व्यापक रूप से प्रशंसा की गई है।

चीन और रूस के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध दोनों देशों के लोगों के बीच बढ़ते घनिष्ठ आदान-प्रदान में भी परिलक्षित होते हैं। 2023 में, चीन में रूसी पर्यटकों की संख्या 997,900 तक पहुंची, जबकि इसी अवधि में रूस गये चीनी पर्यटकों की संख्या 477,000 तक पहुंची। इस वर्ष चीन-रूस मानविकी सहयोग समिति की पर्यटन सहयोग उपसमिति, ब्रिक्स पर्यटन मंत्रियों की बैठक आदि सभी रूस में आयोजित की जाएंगी। साथ ही 2024-2025 चीन-रूस संस्कृति वर्ष के उद्देश्य में, दोनों देशों के सांस्कृतिक विभागों ने सांस्कृतिक अवशेष प्रदर्शनियों, फिल्म स्क्रीनिंग, मंच कला प्रदर्शन, युवा सांस्कृतिक और रचनात्मक आदान-प्रदान, लेखक आदान-प्रदान सहित सैकड़ों रंगीन आदान-प्रदान गतिविधियों की योजना बनाई है।  

वर्तमान में नई विश्व व्यवस्था का तेज़ी से विकास हो रहा है। ब्रिक्स तंत्र द्वारा प्रतिनिधित्व की जाने वाली उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच घनिष्ठ सहयोग भी निरंतर बढ़ाया जा रहा है। चीन-रूस संबंधोंं को निश्चित रूप से अन्य ब्रिक्स सदस्यों के बीच संबंधों के विकास के लिए एक मॉडल के रूप में देखा जा सकता है। आज की दुनिया में, आपसी सहयोग शांति और विकास लाता है, जबकि टकराव और संघर्ष युद्ध और संकट का कारण बनते हैं। यह ब्रिक्स सदस्यों के बीच सहयोगात्मक संबंध विकसित करने का असली उद्देश्य ही है। 

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

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