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चीन ने हरित विकास में योगदान दिया

बोआओ एशिया मंच के वर्ष 2025 वार्षिक सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन का मुकाबला, हरित रूपांतरण और अनवरत विकास आदि मुद्दों पर विभिन्न पक्षों का ध्यान केंद्रित हुआ।

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इंटरनेशनल डेस्क: बोआओ एशिया मंच के वर्ष 2025 वार्षिक सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन का मुकाबला, हरित रूपांतरण और अनवरत विकास आदि मुद्दों पर विभिन्न पक्षों का ध्यान केंद्रित हुआ। अंतर्राष्ट्रीय व्यक्तियों ने कहा कि चीन अक्षय ऊर्जा और स्वच्छ ऊर्जा से जुड़ी तकनीकों का विकास बढ़ा रहा है। इससे चीन ने अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा ढांचे में सक्रिय भूमिका निभाई और हरित विकास में योगदान दिया।

विश्व हरित वृद्धि अनुसंधान संस्थान (जीजीजीआई) की उप महानिदेशक हेलेना मैकलियोड ने कहा कि अक्षय ऊर्जा में चीन दुनिया में आगे है। विशेषकर चीन के कार्बन बाजार ने हरित विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पोलैंड के पूर्व उप प्रधानमंत्री और आर्थिक मंत्री, पोलिश एशियाई चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष जानुस पिएचोचिंस्की ने कहा कि चीन विश्व ऊर्जा ढांचे में सक्रिय प्रभाव डालता है। न सिर्फ फोटोवोल्टिक, बल्कि जलविद्युत प्रौद्योगिकी आदि हरित ऊर्जा के समाधान में भी चीन ने प्रगति हासिल की है।

अक्षय ऊर्जा भंडारण के प्रौद्योगिकी में चीन ने दुनिया को अत्यधिक नवीन समाधान प्रदान किया। वहीं, अंतर्राष्ट्रीय व्यक्तियों ने कहा कि एआई आदि क्षेत्रों में चीन का विकास बहुत तेज है। चीन के तकनीकी नवाचार से अन्य देशों को मदद मिली।

मंगोलिया के राज्य ग्रेट खुराल की वित्तीय स्थिरता समिति के सदस्य, मंगोलियाई वित्त और अर्थशास्त्र विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डेलेग सैखान ने कहा कि पिछले दशक से चीन साझा विकास और पारस्परिक लाभ का पालन करता रहता है। इससे अन्य देशों को चीन के साथ आर्थिक सहयोग करने के अधिक अवसर मिले। हाल के वर्षों में चीन ने एआई, तकनीक और नवाचार आदि क्षेत्रों में विकास किया। इसने न केवल अपने विकास को प्रोत्साहन दिया, बल्कि मंगोलिया आदि देशों के विकास में भी मदद की।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

 

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