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शिक्षा के क्षेत्र में गांवों और शहरों के बीच की खाई पाटने पर China का ध्यान

हाल के दशकों में चीन ने विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक उपलब्धियां हासिल की हैं। वैसे चीन लोक गणराज्य की स्थापना के बाद से ही चीन सरकार ने हर स्तर पर काम किया है। हालांकि खुले द्वार की नीति लागू होने के पश्चात चीन में चमत्कारिक परिवर्तन देखने को मिला है, जिस पर दुनिया को आश्चर्य.

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हाल के दशकों में चीन ने विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक उपलब्धियां हासिल की हैं। वैसे चीन लोक गणराज्य की स्थापना के बाद से ही चीन सरकार ने हर स्तर पर काम किया है। हालांकि खुले द्वार की नीति लागू होने के पश्चात चीन में चमत्कारिक परिवर्तन देखने को मिला है, जिस पर दुनिया को आश्चर्य होता है। अगर हम शिक्षा की बात करें तो चीन की संबंधित सरकारों ने शिक्षा की क्वालिटी सुधारने पर व्यापक ध्यान दिया है। इसके बावजूद गांवों और शहरों में शिक्षा के स्तर में अंतर देखने को मिलता है। जैसा कि हम जानते हैं कि चीन ने गरीबी उन्मूलन का लक्ष्य हासिल करने के लिए पुरजोर कोशिश की है। शिक्षा व स्वास्थ्य  संबंधी मामलों को गरीबी उन्मूलन से अलग कर नहीं देखा जा सकता है। 

इसी के मद्देनजर चीन मध्य व पश्चिमी चीन के ग्रामीण और दूर-दराज के कम विकसित इलाकों में शिक्षा में निवेश बढ़ा रहा है। ताकि सभी बच्चों तक अवसर समान रूप से पहुंच सकें। इस संदर्भ में योजना को अमल में लाया गया है, जिसमें देश के दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा का तेज़ विकास करने पर ज़ोर दिया गया है। इससे जाहिर होता है कि चीन का अभियान अब तक पूरा नहीं हुआ है। हालांकि यह कोई पहला अवसर नहीं है, जब चीन में देश के विकास में प्रत्येक व्यक्ति व बच्चे के योगदान की बात की गयी हो।  

संबंधित विशेषज्ञों के अनुसार उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षा संसाधनों का असमान वितरण चीन के लिए एक बड़ी चुनौती रहा है, खासतौर पर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों, पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों के बीच पैदा हुआ असंतुलन। कहा गया है कि शिक्षा में समानता एक ऐसा मामला है जो समाज में समानता और न्याय से संबंधित है, जिसमें सभी को समान अवसर मिलना जरूरी है। 

बताया जाता है कि चीन में 15 करोड़ ऐसे छात्र हैं, जो नौ वर्षीय अनिवार्य शिक्षा हासिल कर रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में बच्चों को सही ढंग से वैज्ञानिक शिक्षा प्रदान करने का काम चीन के शिक्षा मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। चीन के नेता मानते हैं कि अनिवार्य शिक्षा तक बच्चों की पहुंच सुनिश्चित करना सरकार का मूल कर्तव्य है।

कहा जा रहा है कि चीन सक्रिय रूप से नई तकनीकों के उपयोग का पता लगाएगा, जिसमें इंटरनेट प्लस शिक्षा भी शामिल है, जो दूरदराज के क्षेत्रों में बच्चों को शीर्ष स्तर के शिक्षा संसाधनों तक पहुंच प्रदान करेगी। इसके साथ ही उनके लिए ए-स्तरीय खेल सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। यह कहने में कोई दोराय नहीं है कि चीन सरकार के लिए बच्चों का भविष्य सुधारना कितना अहम है। बच्चे और युवा देश का भविष्य माने जाते हैं, चीन सरकार इसे अच्छी तरह समझती है। 

(अनिल पांडेय, चाइना मीडिया ग्रुप, बीजिंग)

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