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domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 61141999 में, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के नेताओं ने एशियाई वित्तीय संकट का संयुक्त रूप से निपटारा करने के लिए आसियान और चीन, जापान और दक्षिण कोरिया (10+3) बैठक के दौरान सहयोग शुरू किया। पिछले 25 वर्षों में त्रिपक्षीय सहयोग ने क्षेत्रीय और वैश्विक आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, कोविड-19 महामारी और बाहरी कारकों के कारण, सहयोग कुछ समय के लिए रुक गया। 2023 में चीन और अमेरिका के राष्ट्रपतियों के बीच बैठक के बाद, तीनों देशों के बीच संबंधों में सुधार हुआ है, जिससे सहयोग की बहाली के लिए स्थितियां तैयार हुई हैं।
27 मई, 2024 को नौवीं चीन-जापान-दक्षिण कोरिया के नेताओं की बैठक सियोल में आयोजित हुई। तीनों पक्षों ने एक संयुक्त घोषणा जारी की और “अगले दस वर्षों में चीन-जापान-दक्षिण कोरिया सहयोग की संभावनाओं” को लागू करने, सहयोग के संस्थागतकरण को बढ़ावा देने और संयुक्त रूप से विश्व शांति, विकास और समृद्धि की रक्षा करने पर सहमति व्यक्त की। चीनी प्रधान मंत्री ली छ्यांग ने व्यापक रूप से सहयोग को फिर से शुरू करने, आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान को गहरा करने, वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचार को आगे बढ़ाने, मानवीय और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को मजबूत करने और सतत् विकास को बढ़ावा देने सहित पांच सुझाव दिए, जिन्हें दक्षिण कोरिया और जापान के नेताओं से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।
जापान की क्योटो समाचार एजेंसी ने विश्लेषण किया कि यह विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए तीन देशों के दृढ़ संकल्प और क्षेत्रीय शांति और समृद्धि के लिए उनकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को दर्शाता है। वर्तमान में, वैश्विक व्यापार संरक्षणवाद तीव्र हो रहा है और एशिया में महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया अविभाज्य भागीदार हैं।
“निहोन कीज़ई शिंबुन” ने बताया कि दुनिया में तीन देशों की कुल आर्थिक हिस्सेदारी 1999 में 17% से बढ़कर 24% हो गई है, और कुल विदेशी व्यापार दुनिया का 20% है। चीन जापान और दक्षिण कोरिया का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। तीनों देशों के पास डिजिटल अर्थव्यवस्था, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और वित्तीय स्थिरता जैसे क्षेत्रों में सहयोग के लिए व्यापक गुंजाइश है। बैठक में त्रिपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत फिर से शुरू करने और आर्थिक और व्यापार सहयोग, विशेष रूप से औद्योगिक श्रृंखला और आपूर्ति श्रृंखला सहयोग को और बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया।
चीन ने तीनों देशों को नई प्रेरक शक्तियों में बढ़ावा देने और उनके संबंधित आर्थिक विकास और आगे के सहयोग में अधिक गति लाने में मदद करने के लिए चीन में “चीन-जापान-दक्षिण कोरिया इनोवेशन कोऑपरेशन सेंटर” स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा।
चीन-जापान-दक्षिण कोरिया के सहयोग में अवसर और चुनौतियां दोनों हैं। अब अमेरिका चीन को नियंत्रित करने के लिए “इंडो-पैसिफिक रणनीति” को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों को आगे बढ़ा रहा है। पिछले साल अगस्त में, अमेरिका ने चीन का मुकाबला करने के लिए कैंप डेविड में अमेरिका-जापान-दक्षिण कोरिया के शिखर सम्मेलन बुलाया था। अमेरिका के सहयोगियों के रूप में, जापान और दक्षिण कोरिया को चीन के साथ संबंध विकसित करने में वाशिंगटन द्वारा बाध्य किया जाता है। इसके अलावा, चीन- जापान और जापान-दक्षिण कोरिया के बीच ऐतिहासिक मुद्दों और अन्य पहलुओं पर मतभेद मौजूद हैं, जिससे आपसी राजनीतिक विश्वास प्रभावित होता है। भविष्य में बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप और विनाश से बचने के लिए तीनों देशों, खासकर जापान और दक्षिण कोरिया को मिलकर काम करने की जरूरत है।
चीन में एक कहावत है, “दूर के रिश्तेदार करीबी पड़ोसियों जितने अच्छे नहीं होते।” पिछले 25 वर्षों में, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया ने संयुक्त रूप से पड़ोसी देशों के बीच पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग का रास्ता खोजा है। भविष्य का सामना करते हुए, तीन देशों के लोगों को फायदा देने के लिए तीनों पक्षों को बाहरी हस्तक्षेप को खत्म करने, एक-दूसरे के मूल हितों और प्रमुख चिंताओं का सम्मान करने, एक ही दिशा में आगे बढ़ने और त्रिपक्षीय सहयोग को फिर से शुरू करने के लिए बढ़ावा देने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)