COVID-19 अब भी वैश्विक स्वास्थ्य खतरा बना हुआ है, नए स्वरूप की जांच जारी : WHO 

गांधीनगरः विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा कि कोविड-19 अब दुनिया के लिए स्वास्थ्य आपात नहीं रह गया है लेकिन अब भी यह ‘वैश्विक स्वास्थ्य खतरा’ बना हुआ है तथा कोरोना वायरस का नया स्वरूप पहले से ही जांच के दायरे में है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख गुजरात की राजधानी.

गांधीनगरः विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा कि कोविड-19 अब दुनिया के लिए स्वास्थ्य आपात नहीं रह गया है लेकिन अब भी यह ‘वैश्विक स्वास्थ्य खतरा’ बना हुआ है तथा कोरोना वायरस का नया स्वरूप पहले से ही जांच के दायरे में है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख गुजरात की राजधानी गांधीनगर में महात्मा मंदिर सम्मेलन केंद्र में आयोजित जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा, कि ‘कोविड-19 वर्तमान में वैश्विक स्वास्थ्य आपात नहीं रह गया है, लेकिन अब भी यह वैश्वि स्वास्थ्य खतरा बना हुआ है। डब्ल्यूएचओ ने हाल में कोरोना वायरस के नए स्वरूप की पहचान की है जिसका स्वरूप कई बार परिर्वितत हो चुका है। बीए.2.86 स्वरूप की वर्तमान में निगरानी और जांच की जा रही है जो एक बार फिर दर्शाता है कि सभी देशों को चौकसी बरतने की जरूरत है।’’ इस अवसर पर उन्होंने सभी देशों से अनुरोध किया कि वे ‘महामारी समझौते’ को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में तेजी लाएं ताकि इसे अगले साल होने वाली विश्व स्वास्थ्य सभा में इसे स्वीकृत किया जा सके।
घेब्रेयेसस ने जी-20 सदस्य देशों को अपने संबोधन में कहा, ‘‘कोविड-19 ने हम सभी को यह अहम पाठ सिखाया है कि अगर स्वास्थ्य खतरे में है तो सबकुछ खतरे में है। दुनिया इस महामारी के कष्टपूर्ण पाठ को सीख रही है।’’ उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत सऊदी अरब की अध्यक्षता के साथ हुई। उन्होंने कहा कि चर्चा के परिणामस्वरूप अंतरिम अध्यक्ष के तहत एक संयुक्त ‘‘वित्त स्वास्थ्य कार्य बल’’ की स्थापना हुई, जिसका समर्थन इंडोनेशिया और अब भारत ने अपनी अपनी संबंधित अध्यक्षता के कार्यकाल के दौरान की।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि महामारी समझौता और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों में संशोधन पर चर्चा में अच्छी प्रगति हो रही है। उन्होंने कहा कि दोनों ही समावेशी, सुसंगत और न्यायसंगत वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा ढांचे के लिए कानूनी और संगठनात्मक खाका के निर्माण को लेकर आवश्यक है। इस अवसर पर डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के स्तर पर टेलीमेडिसिन की शुरुआत करने के लिए भारत की प्रशंसा की। उन्होंने भारत को ‘‘विशेष रूप से दुनिया की सबसे बड़ी बीमा योजना ‘आयुष्मान भारत’ के माध्यम से लोगों तक सार्वभौम स्वास्थ्य बीमा पहुंचाने की उसकी प्रतिबद्धता’’ के लिए बधाई दी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
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