लगातार पटरी से उतरती ट्रेनें, शक के घेरे में अमेरिकी रेलवे विकास मॉडल

“एक ही समय में कई ट्रेनें पटरी से उतर गईं। यह असंभव है। ज़रूर कुछ गड़बड़ है!” अमेरिका के सोशल प्लेटफॉर्म पर लोगों ने कुछ इस तरह के संदेह पेश किये। वर्तमान में, अमेरिका के ओहायो स्टेट में “जहरीली गैस ट्रेन” के पटरी से उतरने की खबर जारी है। स्थानीय लोग अभी भी घबराहट और.

“एक ही समय में कई ट्रेनें पटरी से उतर गईं। यह असंभव है। ज़रूर कुछ गड़बड़ है!” अमेरिका के सोशल प्लेटफॉर्म पर लोगों ने कुछ इस तरह के संदेह पेश किये। वर्तमान में, अमेरिका के ओहायो स्टेट में “जहरीली गैस ट्रेन” के पटरी से उतरने की खबर जारी है। स्थानीय लोग अभी भी घबराहट और संदेह की स्थिति में हैं,साथ ही ट्रेन के पटरी से उतरने की इसी तरह की दुर्घटनाएं एक के बाद एक टेक्सास और दक्षिण कैरोलिना स्टेटों में हुई हैं। अमेरिकी “न्यूजवीक” की वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अकेले दो महीने से भी कम समय में, अमेरिका में एक दर्जन से अधिक ट्रेन दुर्घटनाएं हुई थीं। चौंकाने वाली बात यह है कि अमेरिका में हर साल औसतन 1.7 हजार ट्रेनें पटरी से उतरी हैं। अमेरिकी परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, हर साल लगभग 45 लाख टन जहरीले रसायनों को रेल द्वारा ले जाया जाता है, और औसतन 12 हजार ट्रेनें खतरनाक सामान लेकर हर दिन शहरों और कस्बों से गुजरती हैं।

पुराने रेलवे पर चलने वाली मालवाहक ट्रेनें खतरे का घंटी है जिसका सबसे ताजा उदाहरण ओहायो में ट्रेन के पटरी से उतरने की दुर्घटना है। अमेरिकी राष्ट्रीय यातायात सुरक्षा समिति ने 14 फरवरी को नवीनतम जांच जारी की, जिसमें कहा गया है कि पटरी से उतरने का कारण व्हील बेयरिंग की ओवरहीटिंग से संबंधित हो सकता है। लेकिन लोगों का मानना है कि इस तरह की बयानबाजी निराधार है। लोग जानते हैं कि यह दुर्घटना रेलवे कंपनी के कई वर्षों के अधिकतम लाभ पाने के प्रयास का परिणाम है। साथ ही पूरे अमेरिकी रेलवे प्रणाली की “लाभ-प्राप्ति” का एक जरिया है, और इसने कई समस्याओं को उजागर किया है।

सर्वविदित है कि रेलवे प्रणाली को यदि कम लागत में ज्यादा मुनाफे की आदत लग जाती है तो दुर्घटनाओं की सम्भावनाएं बढ़ जाती हैं। ब्रिटिश अख़बार “द गार्जियन” का मानना ​​है कि ओहायो में आपदा एक खतरनाक “वेक-अप कॉल” है जिसने अमेरिकी रेलवे विकास मॉडल में संरचनात्मक खामियों को पूरी तरह से उजागर कर दिया है। जब सब कुछ लाभ-उन्मुख है, तो अमेरिकी सरकार कितनी भी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की योजनाएं पेश करे, आम लोगों को लाभ पहुंचाना मुश्किल है। कई अमेरिकी नेटिज़न्स को गहरा संदेह है कि “यह अविश्वसनीय है। क्या यह हमारा देश है? यह ऐसा कैसे हो सकता है?” अमेरिकी राजनेताओं ने यदि इस क्षेत्र में संरचनात्मक सुधार की योजनाओं को लागू नहीं किया तो स्पष्ट है कि महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा योजनाएं राजकोषीय धन को कार्यकारी आय में स्थानांतरित करने का महज एक खेल है।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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