भारत जैसा पड़ोसी पाकर खुद को मानता हूं भाग्यशाली : Narayan Prakash Saud

काठमांडूः ऐसे समय में जब नेपाल में चीनी राजदूत ने नेपाल के प्रति भारत के ‘अनुचित’ व्यवहार की आलोचना की है, हिमालयी राष्ट्र के विदेश मंत्री नारायण प्रकाश सऊद ने बुधवार को कहा कि नेपाल भाग्यशाली है कि उसके पास भारत जैसा पड़ोसी है, जिसने देश और उसके लोगों के विकास के में योगदान दिया.

काठमांडूः ऐसे समय में जब नेपाल में चीनी राजदूत ने नेपाल के प्रति भारत के ‘अनुचित’ व्यवहार की आलोचना की है, हिमालयी राष्ट्र के विदेश मंत्री नारायण प्रकाश सऊद ने बुधवार को कहा कि नेपाल भाग्यशाली है कि उसके पास भारत जैसा पड़ोसी है, जिसने देश और उसके लोगों के विकास के में योगदान दिया है। यहां भारत की सहायता से खोले गए एक स्कूल का उद्घाटन करते हुए सऊद ने कहा कि यह विकासात्मक परियोजना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह नेपाली छात्रों की पीढ़ियों के लिए शिक्षा सुनिश्चित करेगी और उनके भविष्य के करियर में मदद करेगी। इस अवसर पर नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव भी मौजूद थे।

सऊद ने यह भी कहा कि वह नेपाल के विकास में भारत से निरंतर समर्थन की आशा रखते हैं। राजदूत श्रीवास्तव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह परियोजना भारत और नेपाल के बीच बहुत मजबूत विकास साझेदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसने हाल के वर्षों में नेपाल सरकार और उसके लोगों के विभिन्न प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को कवर करते हुए महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने दोनों देशों के लोगों के लाभ के लिए नेपाल सरकार की प्राथमिकताओं के अनुसार विकास साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।

नेपाल में चीनी राजदूत चेन सोंग ने शनिवार को एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘दुर्भाग्य से आपके पास भारत जैसा पड़ोसी है, लेकिन सौभाग्य से आपके पास भारत जैसा पड़ोसी है, क्योंकि भारत एक विशाल बाजार है, जिसमें अपार संभावनाएं हैं, जिनका आप लाभ उठा सकते हैं।’ सोंग ने कहा था, ‘लेकिन साथ ही, नेपाल और अन्य पड़ोसियों के प्रति भारत की नीति इतनी अनुकूल नहीं है और नेपाल के लिए इतनी फायदेमंद नहीं है। इसलिए हम इसे बाधाओं की नीति कहते हैं।‘

चीनी राजदूत ने कहा था, ’जब नेपाल सरकार आपकी आर्थकि नीतियां बनाती है, तो आपको उन परिस्थितियों में अपने फैसले लेने होते हैं।’ चीनी राजदूत की टिप्पणी ने नेपाल में विवाद खड़ा कर दिया था, जिससे देश के पड़ोसी देश के खिलाफ सोंग के बयान के विरोध का आह्वान किया गया था।

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