भारतः  मध्यम वर्ग का उदय है आर्थिक सफलता का प्रमाण

पिछले दो तीन दशकों में भारत की अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ती जा रही है और देश धीरे-धीरे समृद्ध बनता जा रहा है। इस प्रक्रिया में, मध्यम वर्ग के उदय से निस्संदेह आर्थिक सफलता प्रमाणित की गयी  है। साथ ही पूरे देश में उद्योग, विज्ञान और संस्कृति की भी उल्लेखनीय प्रगतियां हासिल हो गयी हैं। हालाँकि, भारत.

पिछले दो तीन दशकों में भारत की अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ती जा रही है और देश धीरे-धीरे समृद्ध बनता जा रहा है। इस प्रक्रिया में, मध्यम वर्ग के उदय से निस्संदेह आर्थिक सफलता प्रमाणित की गयी  है। साथ ही पूरे देश में उद्योग, विज्ञान और संस्कृति की भी उल्लेखनीय प्रगतियां हासिल हो गयी हैं। हालाँकि, भारत को अभी भी अमीर-गरीब खाई के विस्तार, कमजोर बुनियादी ढांचे और अनिश्चित बाहरी वातावरण जैसे समस्याओं का सामना करना पड़ता है। भारत का दीर्घकालिक विकास फिर भी दूरदर्शी घरेलू और विदेशी नीतियों के विकल्प पर निर्भर है।

1990 से 2010 के दशकों तक भारत में अपना समय बिताने वाले एक व्यक्ति के रूप में, मैंने अपनी आंखों से भारतीय लोगों के जीवन में भारी सुधार देख लिया है। मुझे याद है कि 1990 के दशक की शुरुआत में, नई दिल्ली में धीमी गति की जीवनशैली दिखाई देती थी। उस समय लोगों का भोजन और कपड़े अपेक्षाकृत सरल थे, और बुनियादी ढांचा मुश्किल से लोगों की जरूरतों को पूरा कर सकता था। 1991 से भारत में बाजार-उन्मुख आर्थिक सुधार शुरू हुआ। अगले दो तीन दशकों में, भारत की आश्चर्यजनक आर्थिक लंबी छलांग हुई। आज मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े शहरों का स्वरूप दुनिया के अन्य आधुनिक शहरों से कम नहीं है। सभी प्रकार की लक्जरी कारें सड़कों पर चल रही हैं, लक्जरी शॉपिंग मॉल जमीन से उगने लगते रहे हैं, और बड़ी संख्या में नागरिक खरीदारी के लिए मॉल में आ जाते हैं और स्मार्ट फोन तेजी से तूफान की तरह जीवन के सभी क्षेत्रों में फैल गए हैं। पिछले दस वर्षों में, भारत की अर्थव्यवस्था की औसत वृद्धि दर 7% तक पहुंच गई है, और शेयर बाजार की सूचकांक 10 साल पहले 5,000 अंक से बढ़कर अब 60,000 अंक तक रही है। कार, आवास और विदेशी यात्रा जैसी उच्च खपत की भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।

मध्यम वर्ग को निस्संदेह देश के विकास से सबसे अधिक फायदा प्राप्त है। वर्तमान में, दिल्ली जैसे बड़े शहरों में एक मध्यम आय वाला परिवार प्रति माह 50,000 रुपये से अधिक कमा सकता है, जो 1990 के दशक की तुलना में लगभग दस गुना अधिक है। भारत में औसत वार्षिक वेतन 2013 में 3,500 अमेरिकी डॉलर था, जबकि यह अब 9,650 अमेरिकी डॉलर है। 2013 में औसत जीवन प्रत्याशा 65 वर्ष थी और अब 74 वर्ष है। खाद्य सुरक्षा, चिकित्सा देखभाल और शिक्षा की पहुंच दर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। बिजली आपूर्ति तक पहुंच वाले लोगों का अनुपात 75% से बढ़कर 99% हो गया है, बुनियादी चिकित्सा देखभाल तक पहुंच वाले लोगों का अनुपात 61% से बढ़कर 93% हो गया है और साक्षरता दर 74% से बढ़कर 85% हो गई है। महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू जी सहित गंणराज्य के संस्थापकों का जो सपना, यानी कि हर किसी को जीवन की बुनियादी गारंटी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आवास मुहैया कराए जाए, अब धीरे-धीरे साकार होने लगा है।

विकास का उद्देश्य जनता को अधिक कल्याण लाना होना चाहिए, जबकि शिक्षा का प्रसार और स्वच्छ शासन भी आर्थिक सुधार का महत्वपूर्ण भाग है। आज मेट्रो प्रणाली मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े शहरों में एक सार्वजनिक सुविधा बन गई है। मेट्रो में पीक आवर्स के दौरान भीड़भाड़ पर शिकायत करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि यही है बढ़ती अर्थव्यवस्था का संकेत। याद है कि भारत में नैनो नामक एक कम लागत वाली कार विकसित की गई थी। लेकिन नैनो भारतीय शहरों की सड़कों पर मुख्यधारा नहीं बन पाई क्योंकि आर्थिक छलांग संपन्न होने के बाद मध्यम वर्ग के नागरिकों को नैनो जैसी कारों से प्यार नहीं होगा। वे सीधे लक्जरी मॉडल कारें खरीदेंगे। और अब कई लक्जरी कारें देशी उत्पाद बन गयी हैं।

कई तथ्य आर्थिक विकास की सफलता की पुष्टि करते हैं, और भारत में मध्यम वर्ग का जीवन स्तर उन अमीर देशों के बराबर है। पर यह भी बताने की जरूरत है कि आर्थिक विकास का और लंबा रास्ता तय होगा। भारत में अभी भी बड़ी संख्या में गरीब लोग हैं, और कई ग्रामीण क्षेत्र जल व बिजली की आपूर्ति जैसे अपर्याप्त बुनियादी ढांचे की समस्या का सामना करते हैं। मध्यम वर्ग के उदय से पूरी आबादी की सामान्य समृद्धि लानी चाहिए, अन्यथा ऐसा आर्थिक प्रगतियां अर्थहीन हैं। क्योंकि अमीर और गरीब के बीच बढ़ती खाई से सामाजिक संरचना को ध्वस्त हो सकता है। भारतीय मध्यम वर्ग की समृद्धि संतोषजनक है, लेकिन केवल तभी जब बहुसंख्यक आबादी मध्यम-आय सीमा को पार कर जाएगी, तभी कहा जा सकता है कि आर्थिक सुधारों की जीत हासिल कर ली गई है।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

 

 

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