मेलबर्नः एक भारतीय छात्र को ऑस्ट्रेलिया में कैनबरा विश्वविद्यालय द्वारा एक छात्र संरक्षक के रूप में उत्कृष्ट कार्य के लिए एंबेसडर ऑफ चेंज के रूप में मान्यता दी गई है। हाल ही में डेटा साइंस के मास्टर के अपने अंतिम वर्ष को पूरा करने वाले विशाल मित्तल ने अपने छात्र सहायता पहल, यूसी थ्राइव के माध्यम से विश्वविद्यालय के सलाहकार कार्यक्रम के साथ अपने स्वयंसेवी कार्य के लिए पुरस्कार प्राप्त किया। विश्वविद्यालय के बयान में मित्तल के हवाले से कहा गया, ‘‘मेंटर का होना मेरे लिए काफी मददगार था। मैंने कुछ टिप्स और तरकीबें सीखीं और कोर्स के बारे में और भी बहुत कुछ सीखा। उसके बाद, मुङो यह जानने को मिला कि मैं भी मेंटर बनना चाहता हूं।’’
उन्होंने कहा कि एक संरक्षक के रूप में उनके समय ने उन्हें अपने कौशल को विकसित करने में मदद की। ऑस्ट्रेलिया आने से पहले, मित्तल ने गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में मास्टर्स और बड़ौदा के एक विश्वविद्यालय से स्नातक किया। उन्होंने कहा, कि ‘इससे पहले कि मैं इसे शुरू करता, मैं बहुत अंतमुर्खी था। मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला, लोगों से कैसे बातचीत करनी है, दूसरों से कैसे बात करनी है और कैसे संवाद करना है। तो इसने वास्तव में बहुत मदद की है।’’
यूनिवर्सिटी ने 9 एंबेसडर ऑफ चेंज को उनके काम के लिए मान्यता दी। विश्वविद्यालय का स्टुडेंट मेंटर प्रोग्राम एक छात्र के पहले सेमेस्टर में व्यक्तिगत सहायता प्रदान करता है, उनके सवालों का जवाब देता है और उन्हें कनेक्शन बनाने में मदद करता है।