संयुक्त राष्ट्रः दुनियां के विभिन्न देशों के राष्ट्र व राज्य प्रमुखों ने सोमवार को न्यूयॉर्क में विकास और जलवायु परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षकि बैठक शुरू हो रही है। ये दोनों मुद्दे ग्लोबल साउथ (विकासशील देशों) की प्राथमिक चिंताएं हैं, इनमें से कई देशों को चुनौतियों का सामना करने में गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ता है, जबकि उनकी समस्याएं कोविड महामारी और रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के कारण और बढ़ गई हैं। यूएन के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस औद्योगिक देशों पर विकास और जलवायु परिवर्तन के लिए फंडिंग बढ़ाने के लिए दबाव डालेंगे।
वे सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर शिखर सम्मेलन के साथ अपने व्यस्त कार्यक्रमों के सप्ताह की शुरुआत करेंगे। इसमें 2030 तक शांति और न्याय लाते हुए गरीबी और भूख से लेकर जलवायु परिवर्तन और असमानता की समस्या का समाधान समेत 17 महत्वाकांक्षाएं हैं। गुटेरेस ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मुझे पूरी उम्मीद है कि एसडीजी शिखर सम्मेलन वास्तव में एसडीजी के कार्यान्वयन के संबंध में अब तक देखी गई नाटकीय विफलताओं की प्रतिक्रिया में एक लंबी छलांग का प्रतिनिधित्व करेगा।‘
एसडीजी को 2015 में विश्व नेताओं द्वारा अपनाया गया था और जैसे ही वे 2030 के मध्य में सोमवार को मिलेंगे, वे पाएंगे कि अधिकांश समय सीमा तक पहुंच से बाहर हैं और उन्हें विशेष रूप से औद्योगिक देशों से पुन: सक्रिय प्रतिबद्धताओं की आवश्यकता होगी। प्रतीकात्मक रूप से, यह बैठक पारंपरिक महासभा की बैठक से एक दिन पहले शुरू होती है, जो परंपरा के अनुसार मंगलवार को शुरू होगी, जिसमें ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा का पहला संबोधन होगा, इसके बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन वक्ता होंगे।
जाे बाइडेन इस सप्ताह संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के एकमात्र शीर्ष नेता होंगे। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के व्लादिमीर पुतिन और फ्रांस के इमैनुएल मैक्रॉन और ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक व भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी शिखर सम्मेलन में भाग नहीं ले रहे हैं। परिषद के स्थायी सदस्यों के नेताओं की अनुपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर गुटेरेस ने कहा, जो मायने रखता है, वह उनकी उपस्थिति नहीं है, बल्कि उनकी सरकारों की प्रतिबद्धताएं हैं। महासभा की बैठक अधिक राजनीतिक है और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण पर प्रमुखता से चर्चा होगी।
राष्ट्रपति ब्लादिमिर जेलेंस्की इस बार व्यक्तिगत रूप से वहां होंगे। वह महासभा बैठक के उद्घाटन सत्र के दौरान बोलेंगे, और अगले दिन यूक्रेन पर परिषद की बैठक में बोलेंगे, जहां वह संभवत: रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ आमने-सामने होंगे। बुधवार को मुख्य मुद्दा जलवायु परिवर्तन पर केंद्रित है। गुटेरेस ने जलवायु महत्वाकांक्षा शिखर सम्मेलन का आयोजन टबरेचार्ज कार्रवाई और फंडिंग के लिए किया है, जिसे उन्होंने बार-बार मानवता के लिए ‘अस्तित्व संबंधी खतरा‘ कहा है।
उन्होंने मांग की है कि सभी नेता, खासकर औद्योगिक देशों के नेता, बयानबाजी छोड़कर ग्लोबल वार्मगिं को 1.5 डिग्री सेल्सियस से कम रखने के लिए ठोस योजनाओं और प्रतिबद्धता के साथ आएं। उन्होंने कहा, कि ‘यह दिखावे या पोजिशनिंग का समय नहीं है। यह उदासीनता या अनिर्णय का समय नहीं है। यह वास्तविक, व्यावहारिक समाधान के लिए एक साथ आने का समय है।‘ विकास की तरह, गुटेरेस जलवायु परिवर्तन से लड़ने में निजी क्षेत्र को शामिल करना चाहते हैं।