अमेरिका और थाईवान के “राजनीतिक शो” का पूरी तरह से मुकाबला किया जाएगा

6 अप्रैल को चीन के थाईवान क्षेत्र की नेता त्साई इंग-वेन ने अमेरिकी संसद के प्रतिनिधि सदन के अध्यक्ष केविन मैककार्थी से मुलाकात की। नैन्सी पेट्रीसिया डी’एलेसेंड्रो पेलोसी के पिछले साल की थाईवान यात्रा के बाद अमेरिका और थाईवान के बीच बनाई गई और एक और राजनीतिक उकसावे की घटना है। यह एक-चीन सिद्धांत और.

6 अप्रैल को चीन के थाईवान क्षेत्र की नेता त्साई इंग-वेन ने अमेरिकी संसद के प्रतिनिधि सदन के अध्यक्ष केविन मैककार्थी से मुलाकात की। नैन्सी पेट्रीसिया डीएलेसेंड्रो पेलोसी के पिछले साल की थाईवान यात्रा के बाद अमेरिका और थाईवान के बीच बनाई गई और एक और राजनीतिक उकसावे की घटना है। यह एक-चीन सिद्धांत और तीन चीन-अमेरिका संयुक्त विज्ञप्तियों का गंभीर उल्लंघन करता है, चीन की संप्रभुता और प्रादेशिक अखंडता को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है, और “थाईवान स्वतंत्रता” अलगाववादी ताकतों को एक गंभीर गलत संकेत भेजता है। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेस पार्टी द्वारा “स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए अमेरिका पर भरोसा करने” और अमेरिका में कुछ लोगों द्वारा “चीन को नियंत्रित करने के लिए थाईवान का उपयोग करने” के बार-बार प्रयास थाईवान जलडमरुमध्य में बढ़ते तनाव के मूल कारण हैं। 

थाईवान सवाल चीन के मूल हितों का केंद्र है, जो चीन-अमेरिका संबंधों के राजनीतिक आधार की नींव है और चीन-अमेरिका संबंधों में पहली दुर्गम लाल रेखा है। थाईवान मुद्दे को ठीक से संभालने के लिए सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत एक-चीन सिद्धांत का पालन करना है। इस सिद्धांत की 1971 में संयुक्त राष्ट्र महा सभा के न.2758 प्रस्ताव द्वारा पुष्टि की गई थी। यह आम सहमति है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा मान्यता प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का मूल मानदंड है। इस समय अमेरिका समेत दुनिया भर के 182 देशों ने एक-चीन सिद्धांत के आधार पर चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए हैं।

एक-चीन सिद्धांत के प्रति अमेरिका की गंभीर प्रतिबद्धता है। दिसंबर 1978 में जारी चीन और अमेरिका के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना पर विज्ञप्ति में कहा गया हैः “अमेरिका सरकार यह मानती है कि दुनिया में केवल एक चीन है और थाईवान चीन का एक हिस्सा है”, “अमेरिका मानता है कि चीन लोक गणराज्य की सरकार चीन की एकमात्र कानूनी सरकार है। इस दायरे में अमेरिका के लोग थाईवान के लोगों के साथ सांस्कृतिक, वाणिज्यिक और अन्य अनौपचारिक संबंध बनाए रखेंगे।” जब से बाईडेन प्रशासन सत्ता में आया है, उन्होंने बार-बार “थाईवान स्वतंत्रता” का समर्थन न करने, “दो चीन” और “एक चीन, एक थाईवान” का समर्थन न करने का वादा किया है।

हालांकि, अमेरिका ने बार बार एक-चीन सिद्धांत को तोड़ने की कार्रवाइयां की हैं। अमेरिकी प्रतिनिधि सदन के अध्यक्ष और अमेरिका के तीसरे वरिष्ठ राजनेता के रूप में मैकार्थी त्साई इंग-वेन के साथ मिले। उनकी कार्रवाइयों ने अमेरिका द्वारा चीन के लिए दिये गये वचनों का गंभीरता से उल्लंघन किया है और अमेरिका की राष्ट्रीय विश्वसनीयता को नष्ट कर दिया है। थाईवान चीन का थाईवान है और थाईवान मुद्दे का समाधान स्वयं चीनियों का मामला है। चाहे अमेरिका और थाईवान कोई भी दिखावा करें, इस ऐतिहासिक और कानूनी तथ्य को नहीं बदला जा सकता कि थाईवान चीन का है।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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