इंटरनेशनल डेस्क: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध का शांतिपूर्ण समाधान संभव है। उन्होंने यह भी बताया कि इस समाधान के लिए संघर्ष के मूल कारणों को समझना और उन पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। पुतिन ने इस युद्ध को एक जटिल मुद्दा माना और सभी पक्षों से सतर्क और संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की अपील की। उनका मानना है कि सही संवाद और समझ के माध्यम से ही इस संघर्ष का हल निकाला जा सकता है। इस प्रकार संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक सकारात्मक दिशा में कदम उठाना आवश्यक है।
पुतिन ने रूसी नौसेना के साथ बैठक के दौरान कहा, “हम सभी समस्याओं को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के पक्ष में हैं, लेकिन इसके लिए उन कारणों को भी खत्म करना होगा जिनके कारण मौजूदा स्थिति पैदा हुई।” राष्ट्रपति पुतिन ने यह भी स्पष्ट किया कि रूस यूरोप के साथ बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन वह पिछली गलतियों से सीख लेगा तथा पश्चिम पर बहुत अधिक निर्भर नहीं रहेगा।
रूसी मीडिया के अनुसार पुतिन ने कहा, “हम यूरोप के साथ काम करने के लिए भी तैयार हैं, लेकिन वे लगातार असंगत तरीके से काम कर रहे हैं और हमें धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं।” खैर, हमें इसकी आदत हो गई है। उम्मीद है कि अब हम अपने तथाकथित साझेदारों पर ज्यादा भरोसा करने की गलती नहीं करेंगे।
इस बीच, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पेरिस में एक सम्मेलन में यूक्रेन को समर्थन देने के लिए कई नई पहलों की घोषणा की। फ्रांस और ब्रिटेन ने संयुक्त रूप से यूक्रेन की सेना को पुनर्गठित करने की योजना विकसित की है। मैक्रों ने कहा कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर और मैं संयुक्त रूप से यूक्रेन के लिए अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन के समन्वय प्रयासों का नेतृत्व करेंगे। सम्मेलन के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा कि रूस पर प्रतिबंध हटाने का अभी समय नहीं आया है, मैक्रों ने भी इस बात पर सहमति जताई कि रूस पर प्रतिबंध हटाने का अभी सही समय नहीं आया है।
इस बीच, रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा कि रूस पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन में शांति सैनिकों की तैनाती का कड़ा विरोध करता है। ज़खारोवा ने चेतावनी दी कि यदि पश्चिमी देश शांति मिशन के नाम पर यूक्रेन में अपनी सेना भेजते हैं, तो इससे रूस और नाटो के बीच सीधा संघर्ष हो सकता है। लंदन और पेरिस सैन्य हस्तक्षेप की योजना बना रहे हैं, जो शांति प्रयासों के लिए खतरनाक हो सकता है।
हाल ही में रूस और अमेरिका ने यूक्रेन संकट के समाधान के लिए बातचीत करने की इच्छा व्यक्त की। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि मॉस्को और वाशिंगटन दोनों ही शांति वार्ता की ओर बढ़ने के इच्छुक हैं। इसके अलावा, रियाद में रूस और अमेरिका के बीच वार्ता के बाद काला सागर पहल को लागू करने पर सहमति बन गई है। इस समझौते के तहत रूसी बैंकों पर लगाए गए प्रतिबंध हटने के बाद कृषि उत्पादों और उर्वरकों के व्यापार को सुगम बनाया जाएगा।