जब चीन की गरीबी के खिलाफ लड़ाई की बात आती है, तो हमें फुच्येन का जिक्र करना होगा। 1988 में, आज के चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने उस समय फुच्यान प्रांत के निंगते में सीपीसी प्रीफेक्चर कमेटी के सचिव के रूप में कार्य किया। यहीं पर शी चिनफिंग ने गहन अध्ययन और व्यापक पड़ताल कर “कमजोर पक्षी पहले उड़ते हैं” की अवधारणा को सामने रखा, “पानी टपकने” की भावना की वकालत की। उन्होंने निंगते के बुनियादी ढांचे और लोगों के जीवन स्तर में सुधार पर अपना ध्यान केंद्रित किया और फ़ुच्येन के लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए दृढ़ संकल्प दिखाया।
अब तीस साल बीत चुके हैं, निंगते से शुरू होकर, पूरे फुच्येन प्रांत ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग की महत्वपूर्ण अवधारणाओं,बंदोबस्त, मूल्यवान अनुभव और उत्कृष्ट कार्यशैली के तहत उच्च गुणवत्ता से गरीबी उन्मूलन की निर्णायक लड़ाई जीत ली है और अब चौतरफा तौर पर ग्रामीण पुनरुत्थान बढ़ाया जा रहा है ।
2019 के अंत तक फुच्येन में सभी 4 लाख 52 हज़ार पंजीकृत गरीब लोग गरीबी से बाहर निकले, सभी 2,201 पंजीकृत गरीब गांवों को गरीबी से छुटकारा मिला । 2021 में फुच्येन प्रांत के गरीबी के चंगुल से निकले लोगों में प्रति व्यक्ति शुद्ध आय 18,173 युआन थी, जो गतवर्ष से 18.9 प्रतिशत बढ़ी। गरीबी से निकले 2,201 गांवों मे सामूहिक आर्थिक सेक्टर की औसत आय 297,300 युआन तक पहुंची ,जो गतवर्ष से 1.5 फीसदी से अधिक रही । पूर्व गरीब ग्रामीण क्षेत्रों में अब समृद्धि दिखाई देती है । थ्येकुएंइन चाय, क्वेनशी पॉमेलो, छुएंचो लोनगेन, फुतिंग सफेद चाय जैसे स्थान विशेष कृषि उत्पाद फ़ुच्येन के उत्पादों के प्रतिनिधि बन गये हैं । कड़ी मेहनत, दृढ़ संघर्ष, और टपकता पानी की भावना का पालन करते हुए फुच्येन ने प्रत्येक गरीब गांव को एक समृद्ध गांव में बनाया है और एक नया अध्याय जोड़ा है!
(साभार,चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)