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रूसी वैज्ञानिकों ने सूर्य पर देखा ‘रहस्यमयी’ काला धब्बा

व्लादिवोस्तोक: रूसी वैज्ञानिकों ने सूर्य पर प्लाज्मा के काले उत्सजर्न से जुड़ी एक दुर्लभ घटना की जानकारी दी है। रूसी विज्ञान अकादमी के अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान की सौर खगोल विज्ञान प्रयोगशाला ने बुधवार को अपनी वैबसाइट पर इसका ऐलान किया। रिपोर्ट के मुताबिक रूसी प्रयोगशाला ने बताया, ‘आज हमारे स्टार पर एक बहुत ही दुर्लभ,.

व्लादिवोस्तोक: रूसी वैज्ञानिकों ने सूर्य पर प्लाज्मा के काले उत्सजर्न से जुड़ी एक दुर्लभ घटना की जानकारी दी है। रूसी विज्ञान अकादमी के अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान की सौर खगोल विज्ञान प्रयोगशाला ने बुधवार को अपनी वैबसाइट पर इसका ऐलान किया। रिपोर्ट के मुताबिक रूसी प्रयोगशाला ने बताया, ‘आज हमारे स्टार पर एक बहुत ही दुर्लभ, सुंदर और थोड़ी डरावनी घटना घटी। विजिबल डिस्क के ठीक केंद्र में, एक स्पष्ट काले रंग की गायब होने वाली छवि दिखी। धीरे-धीरे ये आंशिक रूप से अंतरिक्ष में इजैक्ट हो गई, और आंशिक रूप से कोरोना (सूर्य की सबसे बड़ी पर्त होती है) में फैल गई।’

वैज्ञानिकों के अनुसार, काला रंग आमतौर पर न्यूट्रल हाइड्रोजन के कारण होता है, जिसमें पीछे से आने वाली छोटी वेवलेंथ्स के साथ आने वाले विकिरण को लगभग पूरी तरह से अवशोषित करने की क्षमता होती है। इसमें समझाया गया है कि, ‘विस्फोट ने पूरे कोरोना में न्यूट्रल हाइड्रोजन से भरपूर एक ठंडी प्रोमिनेंस को छोड़ा और बिखेर दिया। आखिरकार, प्रोमिनैंस सामग्री पूरी तरह से नष्ट हो गई और गायब हो गई। हालांकि, लगभग तीन घंटे तक, कोरोनल प्लाज्मा बादल दिखाई देता रहा, जो फैलने से पहले मैगनेटिक लाइन्स के साथ आगे बढ़ता रहा।’

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